HRA क्लेम करते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना इनकम टैक्स विभाग से मिल सकता है नोटिस

सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि जब HRA क्लेम किया जाता है तो ट्रांजैक्शन सही होना चाहिए. ट्रांजैक्शन केवल कागज पर नहीं होना चाहिए.

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इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने उन कर्मचारियों पर कार्रवाई की है, जो झूठे हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को क्लेम करते हैं. ऐसे कई फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. इसका मतलब है कि बढ़ती निगरानी और डिटेल्स के वेरिफिकेशन से कर्मचारियों को बेनेफिट क्लेम करने में मदद मिली है.

सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि जब HRA क्लेम किया जाता है तो ट्रांजैक्शन सही होना चाहिए. ट्रांजैक्शन केवल कागज पर नहीं होना चाहिए. इसके साथ कई दूसरी चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए. आइए कुछ ऐसी बातों को जान लेते हैं, जिन्हें कर्मचारियों को फॉलो करना चाहिए.

किराये की रसीद नहीं

इनकम टैक्स अथॉरिटीज की ओर से हाल ही के एक्शन से पता चला है कि सिर्फ HRA क्लेम करने वाले लोगों को ही स्थिति के बारे में अलर्ट रहना चाहिए. बल्कि अन्य लोगों को भी ये पता होना चाहिए कि उनके साथ फ्रॉड हो सकता है.

ऐसे कई मामले हैं जहां किसी व्यक्ति के परमानेंट अकाउंट नंबर का ये दिखाने के लिए गलत इस्तेमाल किया गया कि उन्हें कई लोगों से किराया मिला है. जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को किराये का भुगतान करता है तो उसे लेने वाले व्यक्ति को इसे इनकम के तौर पर दिखाना होगा.

मामला उस समय सामने आता है जब जिस व्यक्ति के पैन का इस्तेमाल किया जाता है उसे टैक्स विभाग से नोटिस मिलता है. तब व्यक्ति जवाब देता है कि उसे कोई किराया नहीं मिलता क्योंकि उसने किसी प्रॉपर्टी को किराये पर नहीं दिया है. इसलिए हर व्यक्ति को टैक्स विभाग से आने वाली हर सूचना और अपनी इनकम से जुड़ी डिटेल्स को ध्यान से देखना चाहिए जिससे वो किसी भी फ्रॉड का शिकार न हो.

सही पैन (PAN)

HRA क्लेम करते समय सबसे अहम होता है कि जिस व्यक्ति को किराया मिल रहा है उसके पैन का जिक्र एंप्लॉयर को सब्मिट करने वाली डिटेल्स में होना चाहिए. ये अहम है क्योंकि अगर गलत पैन सब्मिट किया जाता है तो टैक्स विभाग की ओर से वेरिफिकेशन रूक जाएगा.

जिसके पैन पर किराया मिला है उसे इनकम के तौर पर दिखाना होगा. अगर नंबर गलत है तो फिर जिस व्यक्ति ने बेनेफिट क्लेम किया है, उसे टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है. इससे बेनेफिट को रोका जा सकता है.

क्लेम की गई राशि

जिस राशि को किराये के तौर पर भुगतान किया गया है उसे HRA के कैलकुलेशन के लिए दिखाना होगा. ये सुनिश्चित करना होगा कि सही राशि को डिडक्शन के तौर पर क्लेम किया जाए. कुछ मामलों में ये पाया गया है कि HRA क्लेम करने वाले व्यक्ति ने सही राशि नहीं दिखाई. ऐसा करने पर आपको टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है.

अगर किराये की राशि 50,000 रुपये प्रति महीने से ज्यादा है तो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स का भी प्रावधान है. तो इसे भी फॉलो करना होगा. वरना ज्यादा डिडक्शन क्लेम करने की जल्दबाजी में किराये को देने वाला व्यक्ति डिफॉल्ट में फंस सकता है.

भुगतान करना

किराये की रसीद में दिखाई गई और HRA बेनेफिट के लिए क्लेम की गई राशि को असल में प्रॉपर्टी के मालिक को भुगतान करना होगा. ऐसा नहीं कहा जा सकता कि किराये लाने वाला व्यक्ति कोई रिश्तेदार या परिवार का सदस्य है और इसलिए राशि को किसी दूसरी जगह एडजस्ट कर दिया गया है. इसी तरह इस राशि का भुगतान कैश में नहीं करना चाहिए और बैंक ट्रांसफर करना बेहतर रहेगा.

इससे टैक्स विभाग से कोई सवाल पूछे जाने पर आपके लिए ये साबित करना आसान होगा कि किराये का असल में भुगतान किया गया है.

अर्णव पंड्या

(लेखक Moneyeduschool के फाउंडर हैं)

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