Digital Payment: ₹500 से ऊपर के खर्चों के लिए UPI पहली पसंद; डिजिटल पेमेंट में 68% है हिस्‍सेदारी! जानिए कहां, कैसे खर्च करती देश की शहरी आबादी

कियर्नी ने अमेजॉन इंडिया के साथ मिलकर 120 शहरों के 1,000 मर्चेंट्स और 6,000 कंज्‍यूमर्स पर रिटेल डिजिटल पेमेंट को लेकर ये सर्वे किया है.

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देश में डिजिटल पेमेंट बीते कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ गया है. खासकर 2016 में UPI के आने के बाद से. रिटेल डिजिटल पेमेंट साल 2017-18 में 300 बिलियन डॉलर से बढ़ कर साल 2023-24 में 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. कंसल्‍टेंसी फर्म कियर्नी का अनुमान है कि 2029-30 तक ये संख्‍या दोगुनी होकर 7 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी.

कियर्नी ने अमेजॉन के साथ मिलकर 120 शहरों के 1,000 मर्चेंट्स और 6,000 कंज्‍यूमर्स पर रिटेल डिजिटल पेमेंट को लेकर एक सर्वे किया है, जिसके अनुसार, डिजिटल पेमेंट में सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी UPI की है.

कई दिलचस्‍प खुलासे

  • सर्वे स्‍टडी के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में कुल 3.6 ट्रिलियन के डिजिटल पेमेंट में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का हिस्सा महज 2% और 6% रहा.

  • इससे उलट UPI की हिस्‍सेदारी सबसे ज्‍यादा (68%) है. 5 साल में ये करीब 49% की उछाल दिखाता है.

  • वित्त वर्ष 2019 में डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्‍सेदारी 22% थी, जो FY21 में 48% और FY23 में 63% हो गई.

  • सर्वे में ये भी सामने आया है कि ऑफलाइन में लोग कैश पेमेंट प्रेफर करते हैं, जबकि ऑनलाइन में ज्‍यादातर UPI पेमेंट इस्‍तेमाल करते हैं.

  • अमाउंट के स्‍तर पर देखें तो छोटे पेमेंट में कैश, जबकि बड़े पेमेंट के लिए UPI का बोलबाला है.

  • लोग फूड और किराना से लेकर कपड़ों और जूतों तक 40% से ज्‍यादा पेमेंट, UPI और डिजिटल वॉलेट के जरिए ही करते हैं.

इस सर्वे में खर्च के पैटर्न को लेकर और भी कई दिलचस्‍प खुलासे हुए हैं.

ऑनलाइन शॉपिंग में 90% डिजिटल पेमेंट

सर्वे के अनुसार, ऑनलाइन और ऑफलाइन परचेजिंग में डिजिटल पेमेंट का उपयोग काफी हद तक अलग है. ऑनलाइन परचेज करते समय 10 में से 9 शहरी लोग डिजि‍टल पेमेंट करते हैं.

हालांकि जब ऑफलाइन खरीदारी करनी हो तो ये आंकड़ा 40% तक कम हो जाता है. यानी तब 10 में से 5 लोग ही डिजिटल पेमेंट करना प्रेफर करते हैं.

फूड-ग्रॉसरी में कैश, कपड़ों में UPI पेमेंट है पसंद

किस चीज की शॉपिंग में लोग किस तरह का पेमेंट प्रेफर करते हैं, इसको लेकर भी लोगों से सवाल पूछे गए थे. स्‍टडी में पाया गया कि फूड और ग्रॉसरी, मेडिकल खर्च, रेगुलर ट्रांसपोर्ट और एजुकेशन फीस जैसे दैनिक खर्चों में अभी भी कैश पेमेंट को ठीक-ठाकठीक-ठाक पसंद किया जाता है.

वहीं, बात जब इलेक्‍ट्रॉनिक सामानों की खरीद की हो या फिर कपड़ों और फुटवियर पर खर्च की, तो 41% और 47% लोग UPI पेमेंट को प्राथमिकता देते हैं.

₹500 तक के खर्च के लिए कैश है पसंद

500 रुपये से कम के लेन-देन के लिए कैश अभी भी पेमेंट का सबसे पसंदीदा तरीका बना हुआ है, जिसकी हिस्‍सेदारी 51% है. वहीं जैसे-जैसे आप ऊपर बढ़ते हैं, कैश का आंकड़ा घटता जाता है.

  • 500 से 999 रुपये तक के पेमेंट में 31% लोग ही कैश यूज करते हैं, जबकि 47% लोग UPI का इस्‍तेमाल करते हैं.

  • 1,000 रुपये से ऊपर जाने पर कैश की हिस्‍सेदारी 23-24% तक सीमित हो जाती है. जबकि UPI की हिस्‍सेदारी 46% से 32% के बीच बनी रहती है.

  • चार्ट में आप देखेंगे कि जैसे-जैसे हम ज्‍यादा खर्च की ओर बढ़ते हैं, क्रेडिट कार्ड की हिस्‍सेदारी भी बढ़ती जाती है.

सुविधा, स्‍पीड, भरोसा और रिवार्ड्स

डिजिटल पेमेंट का इस्‍तेमाल बढ़ने के पीछे की जो वजहें लोगों ने बताईं, उनमें सुविधा (Convenience) और स्‍पीड दो बड़े फैक्‍टर हैं. हां, ट्रस्‍ट यानी भरोसा भी एक बड़ा फैक्‍टर है. इसके साथ ही ऑनलाइन पेमेंट में मिलने वाले रिवॉर्ड प्‍वाइंट्स भी एक अहम वजह रही, जिन्‍हें शॉपिंग करते समय इस्‍तेमाल या इनकैश कराए जाने की सुविधा दी जाती है.

राह में कुछ रुकावटें भी

डिजिटल पेमेंट यूं तो कई मायनों में बेहतर साबित हो रहा, लेकिन अभी भी इसकी राह में कुछ चुनौतियां जरूर है. कंज्‍यूमर्स के बीच कुछ चिंताएं हैं, जो उन्‍हें डिजिटल पेमेंट से दूर रख रही हैं. इनमें फ्रॉड और डबल डेबिट एक बड़ी समस्‍या है. सर्वे में शामिल आधे से ज्‍यादा शहरी लोगों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी की ओर भी इशारा किया और इसके चलते डिजिटल पेमेंट के बजाय कैश को प्राथमिकता दी.

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