क्या आपको HRA पर मिलेगी टैक्स छूट; कैसे मिल सकता है फायदा, समझ लें

HRA पर आंशिक तौर या पूरी तरह टैक्स छूट होती है, जो कर्मचारी द्वारा पूरी किए जाने वाली शर्तों पर निर्भर है.

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Tax Exemption on HRA: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) एक कर्मचारी की सैलरी का अहम हिस्सा होता है, जिसे एम्पलॉयर उनके किराये के खर्च को कवर करने के लिए देते हैं. HRA पर आंशिक तौर पर या पूरी तरह टैक्स छूट होती है, जो कर्मचारी की ओर से पूरी किए जाने वाली शर्तों पर निर्भर है.

HRA छूट को क्लेम करने के लिए कर्मचारी को कुछ तय शर्तों को पूरा करना होता है. जैसे कि कर्मचारी सैलरीड होना चाहिए और वो जिस मकान या फ्लैट में रह रहा हो उसका रेंट चुका रहा हो और इस रेंट के लिए उसे कंपनी की तरफ से HRA का भुगतान किया जा रहा हो.

क्या HRA पर टैक्स लगता है?

HRA आपकी सैलरी इनकम का हिस्सा है, तो शुरुआत में इसे आपकी टैक्सेबल इनकम का हिस्सा समझा जाता है. हालांकि अगर आप किराये पर रहते हैं, तो आप टैक्स छूट को क्लेम कर सकते हैं. व्यक्ति इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 के तहत आंशिक या पूरा क्लेम कर सकता है.

ये ध्यान देना अहम है कि अगर व्यक्ति किराये के घर में नहीं रहता है तो अलाउंस पर पूरी तरह टैक्स लगेगा. ये उन लोगों के लिए भी लागू नहीं होगा, जो सेल्फ-एंप्लॉयड हैं. हालांकि वो किराये के घर पर टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं.

कैसे क्लेम करें?

इस छूट को क्लेम करने के लिए कर्मचारी को किराये के भुगतान के प्रूफ के तौर पर किराये की रसीद या लीज एग्रीमेंट को सब्मिट करना होगा. इसके अलावा अगर किराये का भुगतान परिवार के किसी सदस्य को किया गया है, तो उसमें कुछ शर्तें लागू होंगी और ऐसे में टैक्सेबिलिटी में अंतर आ सकता है.

HRA पर छूट से कर्मचारी की टैक्स लायबिलिटी में बड़ी गिरावट आती है. ये खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो बड़े शहरों में ज्यादा किराया देकर रहते हैं. HRA छूट की कैलकुलेशन सैलरी, किराये, कर्मचारी को मिले HRA और शहर पर निर्भर रहती है.

ये ध्यान देना अहम है कि कर्मचारियों को अपने दस्तावेजों को तैयार रखना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वो HRA छूट से मिले फायदे को हासिल करने के लिए योग्यताओं को पूरा करते हों.

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