Term Insurance Vs Traditional Life Insurance: बीमा पॉलिसी लेने का है प्लान; कौन-सी रहेगी बेहतर, जानें दोनों के फायदे और नुकसान

अगर आप भी अपने लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको टर्म इंश्योरेंस और ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस के बीच के अंतर को समझ लेना चाहिए.

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Term Insurance Vs Traditional Life Insurance: कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर ने लोगों को इंश्योरेंस पॉलिसी की अहमियत के बारे में बताया है. आजकल लोगों को ये पता है कि जिंदगी को लेकर कोई भरोसा नहीं है. ऐसे में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस प्लान लेकर रखना काफी अहम है.

लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) के लिए बाजार में अलग-अलग ऑप्शंस मौजूद है. अगर आप भी अपने लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको टर्म इंश्योरेंस और ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस के बीच के अंतर को समझ लेना चाहिए. आइए इन दोनों पॉलिसी के फायदे और नुकसानों को जान लेते हैं.

डेथ बेनेफिट

टर्म इंश्योरेंस और ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस के बीच सबसे बड़ा अंतर डेथ बेनेफिट को लेकर ही है. एक टर्म इंश्योरेंस प्लान में व्यक्ति को टर्म पीरियड के दौरान मौत होने पर सिर्फ डेथ बेनेफिट मिलता है. जबकि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में व्यक्ति को डेथ और मैच्योरिटी बेनेफिट दोनों मिलते हैं.

टर्म इंश्योरेंस में मिलने वाला डेथ बेनेफिट लाइफ इंश्योरेंस में मिलने वाले मैच्योरिटी बेनेफिट से अधिक होता है.

ज्यादातर लोग दोनों बेनेफिट्स हासिल करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं. लेकिन आप कम से कम एक टर्म इंश्योरेंस प्लान ले सकते हैं क्योंकि इसमें कम प्रीमियम में ज्यादा बेनेफिट मिलता है.

प्रीमियम की राशि

टर्म इंश्योरेंस काफी किफायती होता है. इसमें कम प्रीमियम रेट पर बड़ी कवरेज का फायदा मिलता है. दूसरी तरफ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में प्रीमियम की राशि टर्म इंश्योरेंस के मुकाबले थोड़ी ज्यादा रहेगी.

टर्म इंश्योरेंस प्लान्स उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं, जो अपने परिवार को वित्तीय सुरक्षा नहीं दे सकते हैं या जिनके पास कमाई का स्थिर और सुरक्षित जरिया नहीं है.

कवरेज बनाम बचत

टर्म इंश्योरेंस प्लान में पॉलिसीधारक की मौत हो जाने पर उसके परिवार को डेथ बेनेफिट मिलता है. हालांकि टर्म प्लान में लाइफ इंश्योरेंस प्लान की तरह कोई सर्वाइवल बेनेफिट या मैच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है.

अगर आप सिर्फ डेथ रिस्क को कवर करना चाहते हैं और ज्यादा प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सकते, तो आप टर्म इंश्योरेंस को खरीदने पर विचार कर सकते हैं.

हालांकि अगर आप कवरेज के साथ एक इन्वेस्टमेंट कॉर्पस भी तैयार करना चाहते हैं, तो आपको ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस में निवेश करना होगा.

पॉलिसी को टर्म के बीच में बंद करना

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को सरेंडर करना, लाइफ इंश्योरेंस को सरेंडर करने के मुकाबले ज्यादा आसान होता है. टर्म इंश्योरेंस प्लान में अगर व्यक्ति प्रीमियम चुकाना बंद कर देगा, तो पॉलिसी के बेनेफिट्स मिलने बंद हो जाएंगे और पॉलिसी खत्म हो जाएगी.

दूसरी तरफ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में व्यक्ति को मैच्योरिटी बेनेफिट तभी मिलता है, जब वो पॉलिसी की पूरी अवधि खत्म करता है.

पॉलिसी का टेन्योर

टर्म इंश्योरेंस प्लान्स में व्यक्ति को तय अवधि के लिए कवरेज मिलती है जैसे 5,10, 15 या 30 साल. इसे आप अपनी जरूरत के मुताबिक चुन सकते हैं.

दूसरी तरफ ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस में अवधि फ्लैक्सिबल रहती है. इसमें आप 100 साल की उम्र तक पॉलिसी को बढ़ा सकते हैं.

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