क्या UCO बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank OF Maharashtra) और बैंक ऑफ इंडिया का विलय होने जा रहा है? अचानक ही उठी विलय की इस अटकलबाजी को सरकार ने ठंडा कर दिया है. दरअसल, एक डॉक्यूमेंट X पर काफी शेयर किया गया, जिसमें दो चार बैंकों की बैठकों का जिक्र था, ये कहा गया कि ये बैठक विलय को लेकर की जा रही हैं.
वित्त मंत्रालय ने जारी किया संशोधित डॉक्यूमेंट
वित्त मंत्रालय के 16 दिसंबर के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, कमिटी ऑफ सब-ऑर्डिनेट लेजिसलेशन, लोकसभा अगले साल की शुरुआत में चार सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी. डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि दो बैठकें होंगीं, पहली 2 जनवरी को और दूसरी 6 जनवरी, 2024 को. इस बैठक में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
इन बैंकों के साथ बैठक में चर्चा का विषय बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 और लागू दूसरे बैंकिंग कानूनों के तहत बनाए गए कानूनों और रेगुलेशंस के इर्द-गिर्द होगा.
विलय की चर्चा ने कैसे जोर पकड़ा
अब सवाल ये उठता है कि बैंकों के विलय की चर्चा ने जोर कहां से पकड़ा, दरअसल- ये संशोधित डॉक्यूमेंट 14 दिसंबर के नोटिस के बाद आया है, जिसमें पहले इन सरकारी बैंकों (PSB) बैंकों के साथ बैठकों के लिए "विलय के बाद के परिदृश्य में" ("in post-merger scenario") शब्दों का जिक्र किया गया था. इसी से अटकलबाजी शुरू हुई कि बैठक में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के संभावित विलय पर चर्चा होगी. हालांकि नए नोटिस में तस्वीर को साफ करने के लिए 'विलय' शब्द का कोई जिक्र नहीं किया गया है.
NDTV प्रॉफिट को वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने ये साफ किया है कि इस कमिटी के पास विलय जैसे फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है. अधिकारी ने बताया कि पुराना नोटिस भी बिना किसी आधार के था, जिसमें लाइनों का गलत तरीके से मतलब निकाला गया. ऐसी बैठकें हमारी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं.
बैंकों, बीमा कंपनियों के साथ होगी बैठक
नोटिस के मुताबिक, कमिटी इस दौरान 2 जनवरी को RBI एक्ट 1934 के तहत बनाए गए नियमों के बारे में रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ अनौपचारिक चर्चा भी करेगी. इसके अलावा बीमा कंपनियों के साथ भी अनौपचारिक बातचीत की जाएगी.
2 जनवरी को होने वाली इस बैठक में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI), भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), SBI लाइफ इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी शामिल होंगी.
5 जनवरी को कमिटी नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) और इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) के साथ भी बैठक करेगी, जिसमें कई नियमों पर चर्चा की जाएगी.