अप्रैल और जून में भीषण गर्मी और लू (Heatwave) चलने की आशंका है. इससे आने वाले महीनों में फलों और सब्जियों की कीमतें (Food Prices Hike) बढ़ सकती हैं. जहां ये अभी साफ नहीं है कि गर्मी बढ़ने से अनाज के उत्पादन पर कितना असर पड़ेगा, लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इससे टमाटर (Tomato Prices), प्याज और आलू के दाम बढ़ सकते हैं.
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले तीन महीनों में भीषण गर्मी की लहर रहेगी. जिन राज्यों पर सबसे ज्यादा असर होगा उनमें गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.
एग्री एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
इनमें से महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश देश के अहम हॉर्टिकल्चर राज्य हैं. कृषि के जानकारों और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक भीषण गर्मी का असर कृषि, ऊर्जा और तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा. कृषि पर असर से थाली की कीमतें पर बड़ा बदलाव हो सकता है.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में सीनियर इकोनॉमिक एनालिस्ट पारस जसराई ने कहा कि गर्मी की लहर का असर मई से देखा जा सकता है और इससे सब्जियों और फलों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि बढ़ोतरी का सटीक आंकड़ा बताना मुश्किल है. इन सब्जियों की उपलब्धता पर दबाव से महंगाई पर बोझ पड़ेगा क्योंकि इनकी खपत का स्तर ज्यादा होता है.
महंगाई पर कितना हो सकता है असर?
मौजूदा समय में महंगाई 5.1% है और खाने की चीजों में महंगाई 8.6% है. अगर गर्मी की लहर भीषण रहती है तो इसका असर कुल महंगाई पर देखने को मिलेगा. कुल महंगाई 6% और खाद्य महंगाई 9% से ज्यादा रह सकती है.
फल और सब्जियां CPI में क्रमश: 2.89% और 6.04% का योगदान देते हैं. हाल ही के हाउसहोल्ड कंजप्शन सर्वे (2022-2023) से पता चला है कि फलों और सब्जियों पर प्रति महीने खपत का खर्च शहरी और ग्रामीण इलाकों में कुल मिलाकर 10% से कम है.