Rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया बुधवार को मजबूती के साथ बंद हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से शुरू ट्रेड वॉर के बीच कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहने से राहत मिली है. डॉलर इंडेक्स में कमजोरी से भी रुपये को कुछ मजबूती मिली है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे मजबूत होकर 86.96 पर बंद हुआ. मंगलवार को घरेलू करेंसी डॉलर के मुकाबले 87.27 पर बंद हुई थी.
FIIs की भी बिकवाली से पड़ा असर
रुपये में पिछले दिनों जो कमजोरी दिखी है उसमें FIIs की बिकवाली का बड़ा योगदान है. घरेलू इक्विटी में ग्लोबल फंड्स की ओर से लगातार आउटफ्लो से भी करेंसी पर दबाव पड़ रहा है. NSDL के डेटा में दिखा कि 2025 में अब तक उन्होंने 1.29 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है.
घरेलू मोर्चे पर रुपया वैश्विक अनिश्चित्ता के बीच छोटी रेंज में ट्रेड करता रहा. CR फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पबारी के मुताबिक इसमें ट्रंप फैक्टर ने भूमिका निभाई है.
तीन महीने के निचले स्तर पर कच्चा तेल
पबारी ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कीमतें गिरावट के साथ तीन महीने के निचले स्तर पर हैं, जिससे भारतीय करेंसी को कुछ राहत मिली. भारतीय समयानुसार दोपहर 3:35 बजे बेंट क्रूड 0.76% गिरकर $70.50/ बैरल पर ट्रेड कर रहा था.
एशिया पैसेफिक क्षेत्र के शेयरों में बुधवार को टैरिफ राहत के संकेत पर शुरुआती कारोबार में मिलाजुला कारोबार देखने को मिला. इससे पहले डॉनल्ड ट्रंप ने वैश्विक बिकवाली को पैदा किया था.
अमेरिका के मंगलवार को कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ लगाए गए चार्जेज के साथ आगे बढ़ने के फैसले के बाद कनाडा और चीन ने जवाबी कदम उठाए. इस बीच चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने टैरिफ के कदमों का मजबूती के साथ विरोध किया और उम्मीद लगाई कि अमेरिका मामले को निष्पक्षता के साथ देखेगा.