जून में मजबूती के साथ बढ़ा सर्विस सेक्टर, PMI 60.5 पर पहुंची

ग्रोथ के पीछे डिमांड में मजबूती और नए कारोबार के बढ़ने को अहम वजहें बताया गया. भारतीय सर्विस कंपनियों को मिलने वाले नए ऑर्डर में जून के दौरान बढ़ोतरी जारी रही.

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जून में भारत का सर्विस सेक्टर (Service Sector) तेज रफ्तार से बढ़ा है. एक निजी सर्वे में कहा गया है कि इसके पीछे वजह नए ऑर्डर में मजबूत बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में अप्रत्याशित इजाफा रहा है. HSBC इंडिया सर्विसेज PMI (Services PMI) के मुताबिक जून में ये आंकड़ा 60.2 से बढ़कर 60.5 पर पहुंच गया. इस आंकड़े के 50 से ज्यादा रहने का मतलब विस्तार होता है.

ग्रोथ के पीछे की मुख्य वजह डिमांड में मजबूती और नए कारोबार में बढ़ोतरी है. भारतीय सर्विस कंपनियों को मिलने वाले नए ऑर्डर में जून के दौरान बढ़ोतरी जारी रही.

इंटरनेशनल ऑर्डर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

HSBC इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स पिछले महीने के 60.5 से बढ़कर 60.9 पर पहुंच गया है. ये बड़ा इजाफा दिखाता है, जो उसके लंबी अवधि के सीरीज एवरेज से ज्यादा है. लगातार पांचवें महीने मैन्युफैक्चरिंग ने इसमें बड़ा योगदान दिया.

इंटरनेशनल ऑर्डर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. नई नौकरी की दर 22 महीनों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. अतिरिक्त नियुक्ति से कंपनियों की श्रम लगात बढ़ी और इसने औसत लागत के बोझ को भी बढ़ाया.

अगले 12 महीनों में बिजनेस एक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद

खाने पीने की चीजों और क्रूड ऑयल की कीमतें भी बढ़ीं हैं. हालांकि औसत इनपुट प्राइस ट्रेंड से कम रेट पर बढ़ा. ये चार महीने में सबसे कम रही. 5% से कम सर्विस कंपनियों ने अपने क्लाइंट्स के साथ अतिरिक्त लागत का बोझ शेयर करने को चुना. इससे चार्ज इंफ्लेशन में मोडरेट रेट रहा है.

सर्विस प्रोवाइर कंपनियों को इस बात का भरोसा है कि अगले 12 महीनों में बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी. करीब 23% पैनलिस्ट्स ने इसे लेकर उम्मीद जताई. हालांकि पॉजिटिव सेंटिमेंट का ओवरऑल लेवल गिरकर 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. इसकी वजह बाजार की अनिश्चित्ता और प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंताएं हैं.

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