घर खर्चा: सब्जियों ने बनाया स्वाद, लेकिन बटुए में बचत की कसर अब भी बाकी

सितंबर में रिटेल महंगाई दर 5.02% रही, जबकि अगस्त में ये 6.83% थी. महंगाई में कमी की अहम वजह सब्जियों की कीमत में आई गिरावट है.

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भारत की रिटेल महंगाई (Retail Inflation) में सिंतबर में भी कमी आई है. इसकी मुख्य वजह सब्जियों की कीमत में आई कमी है.

सितंबर में रिटेल महंगाई दर 5.02% रही, जबकि अगस्त में ये 6.83% थी. फूड एंड बेवरेज महंगाई सितंबर में 6.3% रही, जबकि अगस्त में ये 9.19% थी.

पिछले दो महीनों में टमाटर जैसी सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुकाने के बाद अब भारतीय परिवारों को राहत मिल रही है. सालाना आधार पर टमाटर की कीमतों में 21.5% की गिरावट आई है, जबकि मासिक आधार पर कीमतों में 64.9% की गिरावट आई है. प्याज की कीमत मासिक आधार पर बढ़ी है, जबकि आलू की कीमतें कम हुई हैं.

कोटेक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) में सीनियर इकोनॉमिस्ट सुवोदीप रक्षित के मुताबिक, 'सब्जियों और फलों को छोड़कर फूड इंफ्लेशन 6.7% और नॉन वोलेटाइल फूड इंफ्लेशन 9% की ऊंची दर बरकरार रही.

अक्टूबर में आए डेटा से पता चलता है कि दाल, मोटे अनाज और फलों की कीमत भी बढ़ रही है. जबकि सब्जियों की कीमतों में कमी आती जा रही है.'

Thalinomics: कुछ राहत मिली, लेकिन कुछ बाकी

फूड और फ्यूल को छोड़कर कोर इंफ्लेशन कम होता जा रहा है. अगस्त में 4.8% के आंकड़े से कम होकर ये 4.6% पर पहुंच गया है. ये अप्रैल 2020 के बाद सबसे कम है.

फेस्टिव सीजन के बीच कपड़े और फुटवियर, हाउसिंग, हाउसहोल्ड गुड्स और सर्विसेज, हेल्थ, से जुड़े प्रोडक्ट की कीमतें भी कम हो रही हैं.

यूटिलिटीज की बात की जाए, तो इलेक्ट्रिक बिल बढ़े हैं, लेकिन इनकी दर एक महीने पहले की ग्रोथ रेट से कम है.

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