वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने 2024 में भारत की ग्रोथ पर अपने अनुमान में संशोधन किया है. बैंक के मुताबिक भारत की ग्रोथ रेट 7.5% रहेगी, जो पिछले अनुमान से 1.2% ज्यादा है.
बैंक ने ये भी कहा कि अगले दो साल तक दक्षिण एशिया, दुनिया का सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला क्षेत्र बना रहेगा.
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'FY23/24 में भारत की आउटपुट ग्रोथ 7.5% तक पहुंचेगी, इसके बाद ये मीडियम टर्म में 6.6% पर आएगी, देश में सर्विसेज और इंडस्ट्री में गतिविधियां तेज बनी हुई हैं.'
बैंक ने आगे कहा, '2023 के Q3 में आर्थिक गतिविधियों की ग्रोथ 8.3% रही थी. इसकी वजह निवेश और सरकारी खपत में लगातार हो रहा इजाफा है. हाल के सर्वे डेटा से मजबूत प्रदर्शन आगे भी जारी रहने की संभावना है.'
काबू में महंगाई
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 के मध्य में आई तेजी के बाद से महंगाई RBI के 2%-6% के टारगेट रेंज में बनी हुई है. फूड प्राइस इंफ्लेशन में हालांकि बढ़ोतरी हुई है, जिसकी एक वजह अल नीनो के चलते कमजोर फसल है.
दक्षिण एशिया में सबसे तेज ग्रोथ
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2024 में दक्षिण एशिया में ग्रोथ रेट 6% रहेगी. इसकी मुख्य वजह भारत में तेज-तर्रार ग्रोथ और पाकिस्तान के साथ-साथ श्रीलंका में आर्थिक स्थितियों में आया सुधार है.वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2025 में इस क्षेत्र का ग्रोथ प्रोजेक्शन 6.1% है.
FY22/23 में अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद, पाकिस्तान ने रिकवरी की है. वर्ल्ड बैंक के अनुमान के मुताबिक FY24/25 में पाक में ग्रोथ रेट 2.3% रहने की उम्मीद है, जबकि श्रीलंका में रिजर्व, रेमीटेंस और टूरिज्म में ठीक-ठाक रिकवरी होने के चलते ग्रोथ रेट 2025 में 2.5% रहेगी.
....फिर भी क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है दक्षिण एशिया
हालांकि वर्ल्ड बैंक में साउथ एशिया के चीफ इकोनॉमिस्ट फ्रांजिस्का ओह्नसोर्ज का मानना है कि दक्षिण एशिया अपने डेमोग्रेफिक डिविडेंट का पूरा फायदा उठाने में फिलहाल नाकामयाब रहा है. ये गवांया गया मौका है.
वहीं वर्ल्ड बैंक में साउथ एशिया के वाइस प्रेसिडेंट मार्टिन रेजर कहते हैं, 'शॉर्ट रन में तो दक्षिण एशिया का विकास सही दिखाई देता है, लेकिन कमजोर फिस्कल पोजिशन और पर्यावरण संकटों के चलते आगे रास्ता कठिन दिखाई देता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर ग्रोथ को आगे भी मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो दक्षिण एशियाई देशों को प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार में वृद्धि को तेज करने वाली नीतियां अपनानी होंगी.'