धारावी रीडेवलपमेंट को लेकर अदाणी ग्रुप की तैयारियां जोरों पर हैं. उम्मीद है कि जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. अनुमानों के मुताबिक धारावी में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. अब तक अमानवीय स्थितियों में रहने को मजबूर इन लोगों को इस रीडेवलपमेंट से एक गरिमामय जीवन मिलेगा.
यहां समझते हैं कि आखिर धारावी के एक आम आदमी को इस रीडेवलपमेंट से क्या मिलेगा?
आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर माहौल
धारावी दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में से एक है. अदाणी ग्रुप की अगुवाई में चलाया जा रहा पुनर्विकास कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट है. मतलब साफ है कि 10 लाख के करीब लोग यहां अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर थे.
अब रीडेवलपमेंट के जरिए इन्हें और इनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर वर्तमान और भविष्य सुनिश्चित हो पाएगा. इन्हें साफ-स्वच्छ वातावरण मिल पाएगा, जहां ये परिवार खुलकर सांस ले पाएंगे.
इंडस्ट्रीज और सेटलमेंट का बेहतर रीसेटलमेंट
किसी टियर-2 शहर की तरह धारावी की अपनी पूरी अर्थव्यवस्था है. यहां बड़ी संख्या में उद्योग धंधे लगे हुए हैं. मुंबई की एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर धारावी की पहचान है. ऐसे में धारावी के लोगों के साथ-साथ इन इंडस्ट्रीज को भी रीसेटल किया जाना जरूरी है.
अदाणी ग्रुप के मुताबिक नॉन पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज और एलिजिबल घरों का धारावी में पुनर्वास किया जाएगा. GIS बेस्ड बायोमैट्रिक और सोशियो-इकोनॉ़मिक सर्वे (2007-08) के मुताबिक 63,983 व्यक्तिगत बसाहटों का धारावी में पुनर्वास किया जाना है. ये मान्यता प्राप्त बसाहटे हैं. इनमें करीब 46,000 रहवासी घर हैं, जबकि 13,000 व्यावसायिक प्रतिष्ठान की बसाहटें हैं. करीब 4,800 बसाहटें रेलवे की जमीन पर हैं, इनका भी पुनर्वास किया जाना है.
अवैध रहवास और व्यावसायिक बसाहटों को भी मिलेगी जगह
अनुमानों के मुताबिक धारावी में 1 लाख से ज्यादा अवैध बसाहटें (घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मिलाकर) हैं. ये आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है. धारावी के पुनर्विकास में इनका भी पुनर्वास किया जाएगा.
अदाणी ग्रुप द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन बसाहटों को प्रधानमंत्री आवास योजना MMR के भीतर ही धारावी से इतर किसी दूसरी जगह बसाया जाएगा. टेंडर डॉक्युमेंट के मुताबिक इन्हें धारावी से 10 किलोमीटर के दायरे में सेटल किया जाएगा.
बाकी मुंबई की तुलना में बेहतर हाउसिंग
जिनका पुनर्वास किया जाएगा, उन्हें डेवलपमेंट कंट्रोल और प्रोमोशन रूल (DCPR) के मुताबिक घर दिया जाएगा. इतना ही नहीं, धारावी की इन बसाहटों को 50 वर्ग फीट का ओपन एरिया भी दिया जाएगा. कुल मिलाकर पुनर्वास में शामिल लोगों को 350 वर्ग फीट के अपार्टमेंट दिए जाएंगे. ये मुंबई के दूसरे इलाकों में दिए जाने वाले घरों से 17% ज्यादा है.
जिन घरों का पुनर्निर्माण किया जाना है, उनका प्रबंधन DCPR 33(9)(A) के तहत किया जाएगा. लेकिन धारावी में इन घरों में 35% ओपन स्पेस अतिरिक्त दिया जाएगा. मतलब इन घरों में मिनिमम कारपेट एरिया 405 वर्ग फीट होगा.
टैक्स में छूट, किफायती खरीद
धारावी में पुनर्वास और पुनर्विकास में कई टैक्स रियायतें भी हैं. इस इलाके में बनने वाले प्रतिष्ठानों में कुछ वक्त तक मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के तहत लगने वाला प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगेगा. साथ ही GST में बिजनेसेज को छूट मिलेगी.
इतना ही नहीं धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRPPL) को बेटरमेंट चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज, स्क्रुटनी चार्ज, स्टेयरकेस प्रीमियम जैसे शुल्क से छूट मिली हुई है. ऐसे में यहां पुनर्वास से इतर पुनर्विकास के तहत जो लोग घर खरीदेंगे, उन्हें प्रॉपर्टी भी किफायती पड़ेगी.