डिलीवरी स्टार्टअप डंजो के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी के मामले पर सुनवाई चल रही है. अब तय वक्त में रिप्लाई ना करने पर NCLT बेंगलुरु ने कंपनी को आड़े हाथों लिया है. NCLT ने कंपनी से पूछा है कि क्यों ट्रिब्यूनल को कंपनी द्वारा इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया पर लगाई आपत्तियों पर विचार करना चाहिए?
ट्रिब्यूनल ने कहा कि डंजो जवाब देने की डेडलाइन से चूक गई है. इसके चलते कंपनी इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया पर आपत्ति लगाने का अधिकार खो चुकी है.
ये घटनाक्रम वेल्विन पैकेजिंग सॉल्युशंस और इनवॉइस डिस्काउंटर्स द्वारा डंजो डिजिटल के खिलाफ दायर इन्सॉल्वेंसी के केस से जुड़ा है.
ताजा सुनवाई में NCLT बेंगलुरु ने डंजो से कहा कि कंपनी को काफी वक्त दिया जा चुका है और आगे इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया पर आपत्ति लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कंपनी ऐसा करना चाहती है तो पहले अपील दायर कर बताए कि आपत्ति लगाने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए? ट्रिब्यूनल अब इस मामले में 4 नवंबर को सुनवाई करेगा.
दोनों कंपनियों की इन्सॉल्वेंसी पिटीशन पर NCLT ने फरवरी और मार्च 2024 में नोटिस जारी किए थे और डंजो से रिप्लाई फाइल करने को कहा था. लेकिन कंपनी ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया.
बेटरप्लेस सॉल्युशंस ने भी लगाई थी इन्सॉल्वेंसी याचिका
इस साल फरवरी में एक और कंपनी 'बेटरप्लेस सॉल्युशंस' ने भी डंजो के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी का केस दायर किया था. ऐसी खबरें आईं कि इन विवादों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष बात कर रहे हैं, ट्रिब्यूनल ने भी इसके लिए कई मौके दिए, लेकिन अब तक कोई भी समझौता फाइनल नहीं हुआ है.
बेटरप्लेस द्वारा दायर केस में कहा गया कि डंजो, बेटरप्लेस को 4 करोड़ रुपये देगी. बेटरप्लेस का कहना है कि उसे बड़ा नुकसान हुआ है और नोटिस लेने के बावजूद डंजो ने कोई रिप्लाई नहीं दिया.
इस बकाया के संबंध में ईमेल भी मौजूद हैं. बड़े वित्तीय नुकसान की खबरों के साथ-साथ इस जानकारी को भी कोर्ट में जमा किया गया है. डंजो ने बेटरप्लेस के बकाये की बात को माना है और अतिरिक्त समय मांगा था.