सोमवार को RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बैंकों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मीटिंग की. उन्होंने बैंकों की कॉरपोरेट गवर्नेंस में दिक्कतों और संभावित संकट का मुद्दा उठाया.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, 'ये एक चिंता का विषय है कि NPA से जुड़े विषयों पर गाइडलाइंस जारी किए जाने के बाद भी हमने कुछ बैंकों की गवर्नेंस में अंतर देखा, जिससे आने वाले वक्त में बैंकिंग क्षेत्र में कुछ हद तक अस्थिरता पैदा होने की संभावना है. बैंक बोर्ड और मैनेजमेंट को, गवर्नेंस में इस तरह के गैप्स को नहीं बनने देने चाहिए.'
'बैंकों में अच्छी गवर्नेंस बहुत जरूरी'
बैंकों के बोर्ड डायरेक्टर्स को सलाह देते हुए गवर्नर ने कहा कि बैंक के होल-टाइम और नॉन एग्जीक्यूटिव या फिर पार्ट-टाइम डायरेक्टर्स की ये जिम्मेदारी है कि बैंक की गवर्नेंस मजबूत रहे.
नियमों का बेजा इस्तेमाल न करें: RBI गवर्नर
सोमवार को RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि RBI को पता लगा है कि बैंक अपने वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर दिखाने के लिए स्मार्ट अकाउंटिंग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
स्ट्रेस लोन का वास्तविक स्टेटस जाहिर न करने के लिए दो लेंडर्स के बीच लोन या डेट इंस्ट्रूमेंट को बेचने और बायबैक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
RBI गवर्नर ने किसी बैंक का नाम लिए बिना कहा, 'RBI ने बोर्ड की चर्चाओं और फैसला लेने में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के प्रभुत्व को महसूस किया है. बोर्ड अपने पक्ष को मजबूती के साथ नहीं रखते. हम नहीं चाहते कि ऐसी परिस्थितियां पैदा हों. ठीक ऐसे समय पर, ऐसी परिस्थिति भी न आए जहां पर CEO को अपना काम करने से रोका जाए.'