दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में आरोपी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) शुक्रवार की शाम जेल से बाहर आ गए. उन्हें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1 जून तक के लिए अंतरिम बेल दी है.
शुक्रवार की शाम दिल्ली के तिहाड़ जेल से अरविंद केजरीवाल के बाहर निकलते ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खूब जोश दिखा. जेल के बाहर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे थे. आप नेताओं ने इसे सत्य की जीत बताया है.
दिल्ली में 25 मई को चुनाव है और अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हो सकेंगे. हालांकि 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा.
तिहाड़ जेल के बाहर आप कार्यकर्ताओं की भीड़
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को कथित लिकर पॉलिसी स्कैम में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ-साथ सत्येंद्र जैन को भी गिरफ्तार किया गया था.
संजय सिंह हाल में बेल पर बाहर आ चुके हैं, जबकि सत्येंद्र जैन बेल पर बाहर आकर बीती 19 मार्च को वापस तिहाड़ भी जा चुके हैं. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 मई को मनीष सिसोदिया की कस्टडी भी 21 मई तक बढ़ा दी है.
ED ने किया था विरोध
बता दें 9 मई को जमा किए गए शपथ पत्र में ED ने केजरीवाल को जमानत दिए जाने का जमकर विरोध किया था. एजेंसी ने कहा था कि अगर चुनाव के चलते नेताओं को जमानत दी जाने लगी, तो किसी नेता की गिरफ्तारी ही नहीं हो पाएगी.
ED ने कहा था, 'चुनाव में कैंपेन करने का अधिकार ना तो मौलिक अधिकार है और ना ही ये कानूनी अधिकार है.अब तक किसी भी राजनीतिक नेता को कैंपेन करने के लिए अंतरिम बेल नहीं दी गई है, जबकि यहां तो केजरीवाल चुनाव भी नहीं लड़ रहे हैं.'
7 मई को सुनवाई में दिल्ली की निचली अदालत रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने भी केजरीवाल की रिमांड 20 मई तक बढ़ा दी थी. उस दिन सुप्रीम कोर्ट में बेंच बिना आदेश दिए उठ गई थी. अब नए आदेश के बाद केजरीवाल जेल से बाहर आ सकेंगे.
HC में अपील ठुकराए जाने के बाद पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
निचली अदालत द्वारा कस्टडी में भेजे जाने के बाद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
लेकिन 9 अप्रैल को हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बताया और कहा कि ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने की पर्याप्त वजह थीं. इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.