लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण की वोटिंग जारी है. कुल 11 राज्यों की 93 सीटों पर आज मतदान हो रहा है. इस दौरान कई दिग्गजों की किस्मत भी EVM में कैद होने जा रही है. कुल मिलाकर इस चरण में 10 केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ 4 पूर्व मुख्यमंत्री भी लोकसभा के लिए ताल ठोक रहे हैं. यहां हम ऐसी ही सीटों की चर्चा करने जा रहे हैं, जहां की हाई प्रोफाइल मुकाबलों पर पूरे देश की नजर है.
गांधीनगर (गुजरात)
अमित शाह (BJP) और कांग्रेस की सोनल रमणभाई पटेल के बीच मुकाबला. 2019 में अमित शाह यहां से पहली बार सांसद चुने गए थे. गांधीनगर बीते 35 साल से BJP का गढ़ है.
गांधीनगर सीट 1989 में BJP के पास आई थी. तब शंकर सिंह वाघेला पहली बार BJP के टिकट जीतने में कामयाब रहे थे. 1991 से 2014 तक 6 बार यहां से लालकृष्ण आडवाणी चुनाव जीते. सिर्फ 1996 में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के लिए ये सीट खाली की थी.
गुना (MP)
महाराजा के नाम से मशहूर BJP के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस से यादवेंद्र राव देशराज सिंह के बीच इस सीट पर भिड़ंत है. ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर हार गए थे. वहीं देशराज सिंह पहले BJP में थे. बता दें गुना सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट रही है.
विदिशा (MP)
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (BJP) का मुकाबला विदिशा में कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा से है. विदिशा देश में BJP की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है. यहां से पहले अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज भी सांसद चुनी जा चुकी हैं. मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह पहले भी यहां से सांसद रह चुके हैं.
राजगढ़ (MP)
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) का मुकाबला अपनी घरेलू जमीन पर मौजूदा सांसद BJP के रोडमल नागर से है. दिग्गी राजा के नाम से पहचाने जाने वाले दिग्विजय सिंह 1993 में मुख्यमंत्री बनने के पहले यहां से दो बार सांसद भी रह चुके हैं. वोटिंग के पहले दिग्विजय सिंह ने जनता से भावनात्मक अपील भी की है, उन्होंने कहा कि ये उनका आखिरी चुनाव है.
बारामती (महाराष्ट्र)
यहां पवार परिवार के बीच पावर स्ट्रगल हो रही है. शरद पवार खेमे से उनकी बेटी सुप्रिया सुले का मुकाबला उनके भाई और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से है. बारामती पवार परिवार की पारिवारिक सीट रही है.
शरद पवार यहां से पहली बार 1984 में सांसद चुने गए थे. वे उपचुनाव मिलाकर 6 बार यहां से सांसद रहे हैं. वहीं उनकी बेटी सुप्रिया सुले 2009,2014 और 2019 में तीन बार यहां से जीत चुकी हैं. वे चौथी बार सीट जीतने की कोशिश में हैं. मोदी लहर के बावजूद NCP के गढ़ में वे पिछली बार 1.5 लाख वोट से ज्यादा से जीती थीं.
मैनपुरी (UP)
यादव परिवार की पारंपरिक सीट मैनपुरी से इस बार डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. उनका मुकाबला BJP के जयवीर सिंह से है. BJP ने कभी ये सीट नहीं जीती. जबकि बीते 26 साल से मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में है.
अन्य चर्चित सीटें
रत्नागिरी
महाराष्ट्र की इस हाई प्रोफाइल सीट पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (BJP) का मुकाबला शिवसेना (UBT) के दिग्गज नेता विनायक राउत से है.
आगरा
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल (BJP) बनाम सुरेश चंद्र (समाजवादी पार्टी).
उत्तर गोवा
केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक (BJP) बनाम कांग्रेस के रमाकांत खलप.
राजकोट
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (BJP) और कांग्रेस के धनानी परेश के बीच मुकाबला.
पोरबंदर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (BJP) का कांग्रेस के ललित वसोया से मुकाबला. वसोया पाटीदार आंदोलन के दौरान सक्रियता के चलते चर्चा में आए थे.
बेलगाम
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार (BJP) के सामने कांग्रेस के मृणाल हेब्बालकर की चुनौती है.
हावेरी
पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई (BJP ) और कांग्रेस से आनंदस्वामी गड्डदेवरमण के बीच मुकाबला.