Lok Sabha Elections 2024: कम वोटर टर्नआउट का चुनाव के नतीजों पर नहीं पड़ेगा खास असर; एक्सपर्ट्स ने बताईं वजह

NDTV के खास कार्यक्रम बैटलग्राउंड में C वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख, CSDS से जुड़े संदीप शास्त्री और अमिताभ तिवारी ने की चुनाव पर विस्तार से चर्चा.

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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के शुरुआती चरणों में वोटर्स टर्नआउट के कम रहने का चुनाव के नतीजों पर खास फर्क नहीं पड़ेगा. NDTV के खास कार्यक्रम 'बैटलग्राउंड उत्तर प्रदेश' में एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ चर्चा में चुनाव विशेषज्ञों ने इसकी वजह भी बताईं.

इस कार्यक्रम में C वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख, CSDS से जुड़े संदीप शास्त्री और अमिताभ तिवारी ने हिस्सा लिया.

बता दें पहले चरण में 66.14% मतदान हुआ था, जो 2019 की तुलना में 3.7% कम रहा. जबकि दूसरे चरण में 66.71% वोटिंग हुई, जो 2019 से 2.91% कम थी. इसी तरह तीसरे चरण में पिछले चुनाव की तुलना में 1.6% वोटर टर्नआउट कम रहा और चौथे चरण में 67.25% वोटिंग हुई. बीते चुनाव में चौथे चरण की 96 सीटों पर 68.8% वोटिंग हुई थी.

कम वोटर टर्नआउट पर ओवर एनालिसिस: यशवंत देशमुख

कम वोटर टर्नआउट के सरकार को नुकसान होने की बात को यशवंत देशमुख ने दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान में आई कमी से सकपकाहट बढ़ गई और इस मुद्दे पर ओवर एनालिसिस कर लिया गया.

2004 में कम वोटर टर्नआउट से तत्कालीन सरकार को हुए नुकसान पर टिप्पणी करते हुए देशमुख ने कहा, '2004 की कवायद 2024 में दोहराई नहीं जाएगी. तब अर्बन इलाकों में 18% वोटर टर्नआउट कम हो गया था.'

देशमुख ने आगे कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, पिछले चुनाव से वोटर टर्नआउट गैप कम होता जा रहा है. तीसरे-चौथे चरण तक आते-आते वेरिएशन बहुत मामूली रह गया है. कोई टर्नआउट वेरिएशन नहीं है. इसके जरूरत से ज्यादा आयाम नहीं निकाले जाने चाहिए.'

टर्नआउट पुराने लोकसभा चुनावों की तरह ही, सिर्फ 2019 अलग था: संदीप शास्त्री

वहीं संदीप शास्त्री ने भी देशमुख से सहमति जताते हुए कहा, 'अगर हम 2019 के चुनाव को छोड़ दें, तो इस चुनाव का वोटर टर्नआउट कमोबेश पहले के चुनावों जैसा ही रहा है. दरअसल पहले चरण के बाद जब पार्टियों को लगा कि वोटर टर्नआउट कम हुआ है, तो उन्होंने दुनियाभर की कवायद इसलिए कि ताकि वे अपने समर्थक वर्ग को वोट देने के लिए ला सकें.'

BJP को हराने के लिए बहुत ज्यादा वोट स्विंग की जरूरत: अमिताभ तिवारी

वहीं अमिताभ तिवारी ने वोटर टर्नआउट के चलते किसी भी बड़े वेरिएशन से BJP के नुकसान की संभावना से इनकार किया. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि 1999 में BJP का विक्टरी मार्जिन 9% था, मतलब 5% के स्विंग की जरूरत थी और बीजेपी 2004 का चुनाव हार गई. 2019 में बीजेपी की जीती सीटों का मार्जिन 20% है, मतलब इस बार यहां उनके हारने के लिए 10% के स्विंग की जरूरत है. जो बहुत ज्यादा है.

बता दें भारत में 1 अप्रैल से 19 जून के बीच 7 चरणों में लोकसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है. इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. अब तक भारत में 4 चरणों में 379 सीटों पर मतदान हो चुका है.

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