राहुल गांधी ने एक बार फिर से विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पर हमला बोला है, उन्होंने फिर वही आरोप दोहराया है, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पाकिस्तान को इस बारे में सूचित कर दिया था, ये कोई चूक नहीं, बल्कि एक अपराध था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि जयशंकर चुप हैं और ये चुप्पी बहुत घातक है.
उन्होंने कहा कि ये चुप्पी गंभीर सवाल उठा रही है. इसलिए मैं फिर से पूछूंगा, पाकिस्तान को इसकी जानकारी थी, इसकी वजह से हमने अपने कितने विमान खोए. ये सिर्फ एक चूक नहीं थी. ये एक अपराध था देश को सच जानने का हक है.
राहुल गांधी ने एक न्यूज चैनल का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था. विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया.
शनिवार को राहुल गांधी ने एस जयशंकर का मीडिया से बातचीत करते हुए एक वीडियो शेयर किया. उन्होंने पूछा, 'ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला कर रहे हैं और हम सेना पर हमला नहीं कर रहे हैं. इसलिए सेना के पास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने और अलग रहने का विकल्प है. उन्होंने सही सलाह न मानने का विकल्प चुना.
इस मुद्दे पर BJP ने कहा है कि विपक्ष के नेता की ओर से मंत्री की टिप्पणी को गलत तरीके से पेश करना 'दुर्भावनापूर्ण इरादे से भरा है' और इस आरोप के समय पर सवाल उठाया है.
BJP ने राहुल गांधी को घेरा
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मंत्री की टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. मंत्रालय ने कहा, 'विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो कि स्पष्ट रूप से ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद का शुरुआती फेज है. इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है कि ये शुरुआत से पहले की बात है. तथ्यों को पूरी तरह से गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.'
BJP ने राहुल गांधी की टिप्पणी के जवाब में उन पर तीखा जवाबी हमला किया. पार्टी के प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने NDTV से कहा कि राहुल गांधी बार-बार मंत्री की टिप्पणी को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि राहुल गांधी कुछ खास ताकतों के इशारे पर काम कर रहे हैं. वो विदेश मंत्री पर ऐसे समय में क्यों दबाव बना रहे हैं जब वो विदेश में हैं?
सिन्हा ने कहा कि DGMO की ब्रीफिंग में की गई टिप्पणी से किसी के मन में कोई संदेह नहीं रह जाता. केवल कोई बचकाना, घिनौना इरादा रखने वाला व्यक्ति ही विदेश मंत्री से बार-बार सवाल कर सकता है, जबकि संदेह बार-बार दूर हो चुके हैं.