अदाणी ग्रुप (Adani Group) के धारावी प्रोजेक्ट (Dharavi project) पर उद्धव ठाकरे के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर वो सत्ता में आए तो वो धारावी प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे, इस पर शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे को प्रोजेक्ट पर रोक लगाने के लिए अलावा आता ही क्या है.
चुनावी फायदे के लिए निशाने पर धारावी प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र में चुनावों का बिगुल बजने के साथ ही पार्टियों के बीच में बयानबाजी शुरू हो गई है. उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने धारावी प्रोजेक्ट को चुनाव में भुनाने के लिए बड़ा मुद्दा बना लिया है. कोल्हापुर में एक रैली में भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि अगर उनका महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सत्ता हासिल करता है, तो मुंबई में करोड़ों रुपये की धारावी पुनर्विकास परियोजना को रद्द कर दिया जाएगा, जिसका मैनेजमेंट अदाणी ग्रुप कर रहा है.
उद्धव ठाकरे के इस बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि क्या वो परियोजनाओं पर रोक लगाने और उन्हें बंद करने के अलावा कुछ भी जानते हैं? हम MVA से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? धारावी में 1-2 लाख लोग खराब हालात में रहते हैं, जबकि ये नेता बड़े घरों में रहते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वहां सभी के लिए आवास की घोषणा की है, मैं MVA को खुली चुनौती देता हूं कि वो बताएं कि उन्होंने क्या काम किया है. वो केवल हमारी घोषित सभी योजनाओं की नकल कर रहे हैं' वे झूठे हैं और जनता उन पर विश्वास नहीं करेगी. जनता ने फैसला कर लिया है और महायुति प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
मुंबई में बदलाव का विरोध कर रहे हैं ठाकरे: शेलार
गुरुवार को ही उद्धव ठाकरे शिव सेना (UBT) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी का मैनिफेस्टो जारी किया है. जिसमें उद्धव ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को खत्म करने का वादा किया है. इस पर मुंबई BJP के प्रमुख आशीष शेलार ने गुरुवार को कहा कि शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना को रद्द करने के अपने चुनावी वादे के साथ मुंबई के परिवर्तन का विरोध कर रहे हैं.
शेलार ने कहा कि उद्धव ठाकरे की हरकतें धारावी के लोगों को बेहतर आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से पुनर्विकास को कमजोर करने की एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हैं.
धारावी प्रोजेक्ट पर लंबा है बयानबाजी का दौर
ऐसा पहली बार नहीं है कि धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट उद्धव ठाकरे की शिव सेना और महाविकास अघाड़ी के निशाने पर पहली बार रहा है. अक्टूबर में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को 'दुनिया का सबसे बड़ा भूमि घोटाला' करार दे दिया था और कहा कि अगर राज्य में सत्ता में वापसी हुई तो हम इसे खत्म कर देंगे.
FSI यानी फ्लोर स्पेस इंडेक्स को लेकर भी सवाल उठाए गए थे, तब मुंबई BJP के चीफ आशीष सेलार ने कहा कि ये 'झूठ' फैलाया जा रहा है कि मुंबई में धारावी स्लम क्षेत्र का पुनर्विकास कर रहे अदाणी ग्रुप को अनुचित रियायतें और अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) दिया जा रहा है. शेलार ने कहा 'वास्तव में, धारावी परियोजना के लिए अदाणी को पुनर्विकास के प्रचलित मानदंडों के तहत जितनी अनुमति है उससे एक इंच भी अधिक FSI नहीं दिया गया है.
इस मामले में आदित्य ठाकरे भी कूदे थे, उन्होंने भी सरकार पर अदाणी ग्रुप को जमीन देने का आरोप लगाया था. इसका जवाब भी आशीष सेलार ने ये कहकर दिया था कि आदित्य ठाकरे झूठ फैलाकर और धारावी के लोगों को भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मुंबईकरों को सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में धारावी की छवि को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.
शेलार ने कहा था कि अदाणी ग्रुप को धारावी रीडेवलपमेंट का टेंडर उद्धव ठाकरे की सरकार के दौरान अलॉट हुआ था. TDR (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स) के नियम भी उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में बनाए गए थे. अब आदित्य ठाकरे यू-टर्न ले रहे हैं और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
क्या है धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट
धारावी दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में से एक है. अदाणी ग्रुप की अगुवाई में चलाया जा रहा पुनर्विकास कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट है. 10 लाख के करीब लोग यहां अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर थे.
अब रीडेवलपमेंट के जरिए इन्हें और इनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर वर्तमान और भविष्य सुनिश्चित हो पाएगा. इन्हें साफ-स्वच्छ वातावरण मिल पाएगा, जहां ये परिवार खुलकर सांस ले पाएंगे.
किसी टियर-2 शहर की तरह धारावी की अपनी पूरी अर्थव्यवस्था है. यहां बड़ी संख्या में उद्योग धंधे लगे हुए हैं. मुंबई की एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर धारावी की पहचान है. ऐसे में धारावी के लोगों के साथ-साथ इन इंडस्ट्रीज को भी रीसेटल किया जाना जरूरी है.
अदाणी ग्रुप के मुताबिक नॉन पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज और एलिजिबल घरों का धारावी में पुनर्वास किया जाएगा. GIS बेस्ड बायोमैट्रिक और सोशियो-इकोनॉ़मिक सर्वे (2007-08) के मुताबिक 63,983 व्यक्तिगत बसाहटों का धारावी में पुनर्वास किया जाना है.
ये मान्यता प्राप्त बसाहटे हैं. इनमें करीब 46,000 रहवासी घर हैं, जबकि 13,000 व्यावसायिक प्रतिष्ठान की बसाहटें हैं. करीब 4,800 बसाहटें रेलवे की जमीन पर हैं, इनका भी पुनर्वास किया जाना है.
अनुमानों के मुताबिक धारावी में 1 लाख से ज्यादा अवैध बसाहटें (घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठान मिलाकर) हैं. ये आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है. धारावी के पुनर्विकास में इनका भी पुनर्वास किया जाएगा.
अदाणी ग्रुप द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन बसाहटों को प्रधानमंत्री आवास योजना MMR के भीतर ही धारावी से इतर किसी दूसरी जगह बसाया जाएगा. टेंडर डॉक्युमेंट के मुताबिक इन्हें धारावी से 10 किलोमीटर के दायरे में सेटल किया जाएगा.