आर्थिक संकट से जूझ रहा मालदीव, चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू पर बढ़ा भारत से संबंध बेहतर करने का दबाव

पूर्व राष्ट्रपति सालेह बोले- अड़ियल रवैया छोड़ें मुइज्जू, आर्थिक हालात को बेहतर करने के लिए पड़ोसी देशों के साथ बातचीत कर बेहतर करें संबंध

Source: Maldives' Government website

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) पर भारत से संबंध ठीक करने का दबाव बढ़ रहा है. पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सालेह ने मुइज्जू को आर्थिक दिक्कतों से पार पाने के लिए 'अड़ियल' रवैया छोड़ने और पड़ोसी मुल्कों से संबंध बेहतर करने की सलाह दी है.

बता दें कुछ दिन पहले ही मुइज्जू ने भारत से कर्ज में राहत देने की अपील की थी. पिछले चुनाव में ही चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने सालेह को राष्ट्रपति चुनाव में हराया था.

4 सीटों पर होने वाले चुनाव की रैली के दौरान मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के समर्थन में सालेह ने उन मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया, जिनमें मुइज्जू भारत से कर्ज में राहत देने की अपील कर रहे थे.

सालेह ने कहा कि मालदीव में वित्तीय संकट के पीछे भारत से मिलने वाला लोन की बड़ी भूमिका नहीं है. दरअसल मालदीव पर चीन का 18 बिलियन MVR का कर्ज है. जबकि भारत से 8 बिलियन MVR का कर्ज मालदीव के ऊपर है. इस कर्ज को चुकाने में 25 साल का समय लगेगा.

सालेह ने कहा, 'मुझे यकीन है कि हमारे पड़ोसी देश हमारी मदद करेंगे. हमें जिद छोड़ने की बजाए बातचीत पर ध्यान देना चाहिए. कई पार्टियां इसमें हमारी मदद कर सकती हैं. लेकिन मुइज्जू इस पर समझौता नहीं करना चाहते. मुझे लगता है कि वो अभी केवल परिस्थिति को समझना शुरू कर रहे हैं'.

भारत की आलोचना करते रहे हैं मुइज्जू

बता दें मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान और जीतने के बाद भी भारत की आलोचना की है. जब से उन्होंने कार्यभार संभाला है, तब से दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई है.

मालदीवी राष्ट्रपति ने मानवीय और चिकित्सा के काम में लगे भारतीय सेना के 88 जवानों को स्वदेश भेजने की मांग की है. 26 जवानों का पहला बैच मालदीव को पहले ही छोड़ चुका है और और इनकी जगह आम लोगों को लगाया जा रहा है.

नई सरकार बनने के बाद उनका अभी तक भारत आना नहीं हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर किसी भी मालदीवी राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद पहला दौरा भारत का ही होता है. जबकि जनवरी में मुइज्जू चीन की यात्रा कर चुके हैं.

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