इंफोसिस में 3 साल तक काम करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बिना किसी दूसरी नौकरी के जॉब छोड़ थी, जबकि वो अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले थे। इस बड़े कदम की वजह थी टॉक्सिक वर्क कल्चर, फाइनेंशियल ग्रोथ न होना और कंपनी में हिंदी भाषियों को कई प्रोजेक्ट्स के लिए नजरअंदाज कर देना. इस इंटरव्यू में भूपेंद्र ने अपनी आपबीती और इंफोसिस में बिगड़ते वर्क कल्चर पर बात की.