कभी सोडा के नाम पर शराब, तो कभी इलायची के नाम पर गुटखा, एक प्रोडक्ट की आड़ में दूसरे को प्रोमोट करने का ये छलावा अब और नहीं चलेगा, क्योंकि ASCI यानी एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिंग ऑफ इंडिया ने ब्रैंड एक्सटेंशन और उससे जुड़े विज्ञापन पर खर्च को लेकर नियम तय कर दिए हैं.