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Explainer: फेक इंस्टेंट ऐप से ले रहे हैं लोन, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो पड़ेगा पछताना

RBI अनअप्रूव्ड इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप की कमाई का प्रमुख जरिया ग्राहकों पर लगने वाली पैनल्टी, ब्याज और डेटा चोरी है. मोबाइल फोन में मौजूद सारा डेटा इनके सर्वर पर चला जाता है. जिसे बाद में ये थर्ड पार्टी को सेल करते हैं.
NDTV Profit हिंदीशुभम उपाध्याय
NDTV Profit हिंदी10:24 AM IST, 01 May 2025NDTV Profit हिंदी
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Fake Instant Loan App: आज महंगाई के दौर में हर जरूरत को पूरा कर पाना बेहद ही मुश्किल होता है. अगर आपकी सैलरी हर महीने आ रही है, और ठीक ठाक है तो फिर ज्यादा समस्या नहीं होती. पर जिस महीने से सैलरी आना रुक जाए, तब मुश्किलें होने लगती है. ऐसे में फिर हर विकल्प पर सोचा जाता है कि कहीं से भी पैसा आ जाए. थोड़े दिन और राहत मिल जाए. फिर यहीं से शुरू होता है एक बड़ा खेल. खेल इंस्टेंट पर्सनल लोन का. खेल कर्ज के जाल का. गूगल पर सर्च किए जाते हैं कि लोन कहां से मिल जाए. पहले तो बैंक में ट्राई किया जाता है पर वहां से लोन नहीं मिलता. तभी फेसबुक पर फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप का एड दिखता है. 'बस 5 मिनट में बिना पेपर वर्क के 50,000 रुपए सीधे अकाउंट में.'

ऐसे शुरू होता है फेक लोन ऐप का धंधा

इसके बाद लिंक पर किया जाता है क्लिक, और शुरू हो जाता है खेल. आधार, पेन कार्ड की डिटेल्स तो छोड़िए साहब कैमरे, माइक्रोफोन, गैलरी बल्कि पूरे फोन का ही एक्सेस ले लिया जाता है. और हम उस 50 हजार के लिए अंधे हुए होते हैं. सारे ऑप्शन पर ओके-ओके करते हुए चले जाते हैं. इसके अलावा टर्म्स एंड कंडीशन के वो 20 से 25 पेज तो हम पढ़ते ही नहीं है, जिसमें ब्याज की दर से लेकर पेनल्टी तक सभी जरूरी बातें लिखी होती हैं.

किस्त रुकते ही धमकियां शुरू

सारी पर्मिशन देने के बाद 50 हजार रुपए तो हमारे अकाउंट में आ जाते हैं पर हमें ये पता नहीं होता कि सारी पर्सनल जानकारी थर्ड पार्टी के पास पहुंच गई है. पहली किस्त आती है, समय से जाती है. कोई समस्या नहीं. दूसरी किस्त 1 दिन रुक जाती है तो फोन एजेंट के आने शुरू हो जाते हैं. 'जल्दी से पैसे जमा कर', ये भाषा होती है. दूसरे दिन देखते हैं कि मूलधन पर 35 से 40% की ब्याज लग चुकी है. माथे पर पसीना आना शुरू हो जाता है. लगातार एजेंट के फोन. फोन पर घर आने की धमकी, एडिट फोटो घर वालों को शेयर करने की धमकी रातों की नींद छीन लेती है.

RBI के पास बढ़ रही शिकायतें

ये कोई कहानी नहीं है. ये आज की सच्चाई है. धमकी से तंग आकर इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप की वजह से हजारों लोगों ने सुसाइड किया है. रिपोर्ट के अनुसार लाखों लोग इन फर्जी ऐप के चक्कर में लोग फंस चुके हैं और भारी भरकम नुकसान करा चुके हैं. ये RBI अनअप्रूव्ड इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप वालों का फर्जीवाड़ा है.

RBI रिपोर्ट के अनुसार इंस्टेंट पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. साथ ही दोगुनी रफ्तार से बढ़ रही हैं ग्राहकों की कंपलेंट. आखिर ये फर्जी इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप क्या हैं? कैसे काम करते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है? इन सभी के जबाव आपको इस आर्टिकल में देते हैं.

क्या है इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप?

ये नाम से ही पता चल रहा है कि वो ऐप जिनसे तुरंत लोन मिल जाए. ना कोई पेपर वर्क, ना कोई सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत. बस एप डाउनलोड करें. आधार के साथ पैन की डिटेल्स दें. यहां एक बात ध्यान रखें कि हर इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप फर्जी नहीं होते हैं. जिन्हें RBI से पर्मिशन मिली होती है, उनपर भरोसा किया जा सकता है. इसके लिए आप RBI की वेबसाइट (https://www.rbi.org.in/upload/publications/pdfs/59260.pdf) पर दी हुई लिस्ट से चेक कर सकते हैं.

कैसे करते हैं काम?

RBI अनअप्रूव्ड इंस्टेंट पर्सनल लोन ऐप की कमाई का प्रमुख जरिया ग्राहकों पर लगने वाली पैनल्टी, ब्याज और डेटा चोरी है. मोबाइल फोन में मौजूद सारा डेटा इनके सर्वर पर चला जाता है. जिसे बाद में ये थर्ड पार्टी को सेल करते हैं.

फेक ऐप से बचा कैसे जा सकता है?

  • अगर आपको लोन की जरूरत है तो पहले अपने दोस्त और परिवार वालों से मदद लें. जिसमें आपको ब्याज का भी ज्यादा चक्कर नहीं पड़ेगा.

  • किसी भी बड़े या छोटे बैंक की तरफ रुख कर सकते हैं. यहां ब्याज की दर की तुलना जरूर करें.

  • लोन लेने से पहले https://www.rbi.org.in/upload/publications/pdfs/59260.pdf RBI की वेबसाइट पर चेक जरूर करें.

  • फोन में गैलरी, माइक्रोफोन का एक्सेस ना दें

  • सेफ बेवसाइट का करें इस्तेमाल

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