जिंदगी में पैसा ही सबकुछ नहीं है! सुकून भी मायने रखता है! अपने लिए और अपनों के लिए वक्त भी होना चाहिए!
जिंदगी का ये फलसफा समझने में लोगों को बरसों लग जाते हैं. लेकिन फेमस ग्लोबल टेक कंपनी nVIDIA के कर्मियों को शायद इस बात का पूरा एहसास है. बावजूद इसके कि उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं, उन पैसों का आनंद लेना शायद उनकी किस्मत में नहीं है.
साल 2019 में शुरू हुई कंपनी nVIDIA, (जिसके शेयरों की वैल्यू अब तक 3,776% तक बढ़ चुकी है) को AI चिप बनाने से हुए धुआंधार फायदे के चलते जबर्दस्त ग्रोथ मिली है और सैलरी स्ट्रक्चर में शामिल स्टॉक ऑप्शंस की बदौलत इसके कर्मचारी भी करोड़पति बन चुके हैं, लेकिन उनकी लाइफ में सुकून नहीं है.
कैलिफोर्निया के सांता क्लारा स्थित ऑफिस की पार्किंग स्पेस, जहां पहले सामान्य कारें खड़ी रहती थीं, वहां अब लैंबोर्गिनी, पोर्श, कॉर्वेट जैसी लग्जरी कारें दिखती हैं. कई कारों पर लाइम ग्रीन कलर में nVIDIA का लोगो दिखता है. ये लग्जरी कारें कर्मियों की रईसी का एक नमूना भर है. असल में वे कई और कारें और घर-मकान खरीदने की औकात रखते हैं.
लेकिन क्या फायदा, जब लग्जरियस लाइफ जीने के काबिल होने के बावजूद उनके पास मौज-मस्ती के लिए समय ही नहीं.
कंपनी के कुछ कर्मियों ने ब्लूमबर्ग को nVIDIA में वर्क कल्चर से जुड़ी समस्याओं के बारे में बताया है. पहचान जाहिर न करने की शर्त पर इन कर्मियों ने कहा कि यहां काम के घंटे बेहद थकाऊ और तनाव वाले हैं.
टेक इंडस्ट्री (जहां स्टॉक्स भी सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा होते हैं) के संदर्भ में कहा जाता है कि वहां काम करना बड़ा कूल है. HBO के एक शो में तो इसका मजाक भी उड़ाया गया था, जब उस एपिसोड का एक कैरेक्टर, वीडियो गेम खेलने और सोडा पीने में टाइमपास करता है और अपने स्टॉक्स के क्रेडिट होने तक ही कंपनी में टिकता है.
हालांकि nVIDIA के मामले में ऐसा नहीं है. कंपनी के क्लाइंट को टेक्निकल सपोर्ट देने वाले एक पूर्व कर्मी की मानें तो उन्हें हफ्ते में सातों दिन काम करना पड़ता था. यहां तक कि रात 1 से 2 बजे तक भी. कई सहकर्मियों के साथ यही हाल था. उसने वहां के माहौल को प्रेशर कुकर जैसा बताया.
मार्केटिंग टीम में साल 2022 तक काम कर चुकी एक अन्य महिला के मुताबिक, वो हर दिन 7 से 10 मीटिंग में शामिल होती थीं, जिनमें 30 से ज्यादा लोग होते थे और अक्सर चिल्लम-चिल्ली और बहसें होती रहती थीं.
अब जरा कंपनी के फाउंडर और CEO से परिचय हो जाए! ताइवान में जन्मे जेनसेन हुआंग भी जमकर काम करने में यकीं रखते हैं. उनका मानना है कि महान बनने और आगे बढ़ने के लिए जी-तोड़ मेहनत जरूरी है. वे अपने कर्मियों से भी ऐसी ही अपेक्षा रखते हैं.
हुआंग हर छोटी-बड़ी मीटिंग में खुद भी शामिल होते हैं. उन्हें अपने कर्मियों को बुलेट प्वाइंट के साथ एक रेगुलर मेल भेजने के आदेश के लिए भी जाना जाता है, जिसमें कर्मी को ये बताना होता है कि वे किन विषयों पर काम कर रहे हैं. कभी-कभी रैंडमली वे ईमेल का जवाब और जरूरी निर्देश भी दिया करते हैं.
जेनसेन अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तरह कर्मियों को निकालने की बजाय उन्हें 'महान बनने के लिए टॉर्चर' देना पसंद करते हैं. वे अपने कर्मियों से कहते हैं कि वो उन्हें उनके जीवन का बेहतरीन काम करने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं.
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने मैनेजमेंट स्टाइल को लेकर कहा था कि ये ऐसा ही होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर आप असाधारण चीजें करना चाहते हैं तो ये आसान नहीं होना चाहिए.'
कुछ कर्मचारियों का कहना है कि हफ्ते में काम के दिन बढ़ रहे हैं और उन्हें कम छुट्टियां मिल रही हैं.
अब आप यही सोच रहे होंगे न कि जब इतनी ही दिक्कत है तो कर्मचारी जॉब क्यों नहीं छोड़ देते? इसके पीछे की वजह, लोगों की महत्वाकांक्षाएं और पैसों की वो भूख है, जो जरूरतों के साथ बढ़ती चली जाती है.
बचपन में एक कहानी पढ़ी थी, शायद आपने भी पढ़ी होगी. ''एक जमींदार अपने एक नौकर के काम से खुश होकर कहता है कि शाम तक वो पैदल चलते हुए जितनी जमीन नाप कर वापस आ जाएगा, सारा उसका हो जाएगा. 'थोड़े और, थोड़े और' की लालच में नौकर बढ़ता जाता है, थक कर हार जाता है और शाम तक वापस ही नहीं आ पाता.'
आधी कहानी, nVIDIA के संदर्भ में भी लागू होती है. कर्मियों को उनकी सैलरी में मिलने वाले स्टॉक्स ग्रांट आम तौर पर 4 साल की अवधि में ही एवलेबल होते हैं. यानी 4 साल के पहले नौकरी छोड़ी तो पूरे पैकेज का फायदा नहीं मिलेगा.
यानी कंपनी में 4 साल तक रुकना तो मजबूरी है ही, उसके बाद लोग और पैसे कमाने और स्टॉक्स ऑप्शंस के लिए कंपनी में जमे रहते हैं.
ऊपर जिन दो पूर्व कर्मियों का जिक्र है, सैलरी पैकेज के चलते ही कंपनी में रुकना उनकी भी मजबूरी थी. महिला कर्मी ने 2022 में नौकरी छोड़ी, जबकि दूसरे कर्मी ने आखिरकार मई में नौकरी छोड़ दी.
तमाम शिकायतों के बावजूद नौकरी छोड़ने की दर यहां काफी कम है. कारण वही है, स्टॉक्स की बढ़ती वैल्यू. स्टॉक्स ग्रांट की मैच्योरिटी अवधि 4 साल होने के चलते nVIDIA को अपने कर्मियों को जोड़े रखने में कोई परेशानी नहीं होती.
चिपमेकर कंपनी ने ग्रोथ के साथ अपने कर्मचारियों को स्टॉक ऑप्शंस के रूप में लगातार रिवॉर्ड दिया है, जिसने उसके कई कर्मियों को करोड़पति बना दिया है. पूर्व कर्मी इस स्टॉक ऑप्शंस को ‘सोने की हथकड़ी’ बताते हैं.
वित्त वर्ष 2023 में, 5.3% कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ी थी, लेकिन कंपनी का वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर के पार होने के बाद FY24 में ये दर घट कर 2.7% हो गई.
nVIDIA के स्टॉक्स में आई विस्फोटक तेजी का मतलब स्पष्ट है कि दूसरी कंपनियों की तुलना में यहां कर्मचारी मोटा पैसा बना रहे हैं. 11 साल पहले कंपनी में शामिल होने वाली CFO कोलेट क्रेस के पास करीब 758.7 मिलियन डॉलर के शेयर हैं.
वहीं इंटेल (Intel Corp.) में उनके समकक्ष डेव जिन्सनर (जिनका सैलरी पैकेज ज्यादा है, लेकिन कार्यकाल कम है) उनके पास सिर्फ 3.13 मिलियन डॉलर के शेयर हैं. Nvidia के सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस में 2023 से काम कर रहे CFO जीन हू के पास 6.43 मिलियन डॉलर के शेयर हैं.
कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट स्पेंसर हसू ने nVIDIA कर्मियों के साथ काम किया है. उन्होंने ब्लूमबर्ग से कहा, 'ये आश्चर्यजनक है कि उनके पास स्टॉक में कितने पैसे होते हैं कि क्लाइंट करोड़ों के घर खरीदने के लिए 40% से 60% तक अमाउंट डाउन पेमेंट कर रहे हैं.
आश्चर्य इस बात पर भी हो सकता है कि nVIDIA में ज्यादातर कर्मचारी हुआंग की असामान्य लीडरशिप स्टाइल को पसंद करते हैं. रेटिंग एजेंसी ग्लासडोर पर उनकी अप्रूवल रेटिंग 97% है, जो अल्फाबेट (94%), एप्पल (87%), मेटा (66%) और अमेजॉन (54%) में उनके समकक्षों की तुलना में ज्यादा है.