भारत के सबसे बड़े एफिलिएट मार्केटिंग प्लेटफार्म (Affiliate marketing platform) CashKaro को FY24 में 375 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है. कंपनी ई-कॉमर्स के भीतर ग्रोथ के लिए नए सेगमेंट का फायदा उठाना चाहती है.
कंपनी के को-फाउंडर रोहन और स्वाति भार्गव ने बताया कि FY24 के लिए 350-375 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का लक्ष्य रख रहे हैं, जो कि FY23 के 250 करोड़ रुपये की तुलना में 30-40% ज्यादा है.
स्वाति भार्गव ने BQ Prime को बातचीत में बताया कि भारत में सभी टॉप ई-कॉमर्स साइट्स के साथ हमारी पार्टनरशिप है. हम प्रदर्शन के आधार पर उनके सबसे बड़े सहयोगी और ग्राहक बनाने के सोर्स हैं, हम उनकी सेल्स को बढ़ाते हैं. हम जो भी लेनदेन करते हैं, उसके लिए हमें पेमेंट मिलता है. हम ट्रैफिक या क्लिक के लिए फीस नहीं लेते हैं हम केवल लेनदेन यानी की ट्रांजैक्शन के लिए फीस लेते हैं, यही कारण है कि ये कंपनियों को पसंद आता है.
एसेट लाइट बिजनेस के लिए 250 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ भी, कंपनी वित्त वर्ष 23 के लिए करीब 10 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है. हालांकि, मौजूदा फंडिंग माहौल को देखते हुए रोहन बहुत चिंतित नहीं हैं.
स्वाति ने बताया कि इस वक्त CashKaro के लाइफ टाइम यूजर्स 2.3 करोड़ हैं, जो पिछले तीन वर्षों में इसके रेवेन्यू के अनुरूप 350% बढ़ गए हैं.
स्वाति ने कहा कि अब तक, CashKaro ने 255 करोड़ रुपये या 31 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं. ये हमारे सेक्टर में भारत में किसी भी कंपनी के मुकाबले सबसे अधिक है और वास्तव में, क्योंकि हम जल्द ही पैसे जुटाने में सक्षम थे. इससे हमें बाजार में बढ़त बनाने में मदद मिली. इस समय हमें और ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं है.
रोहन भार्गव ने बताया कि मार्केटिंग पर खर्च होता है और हम नए आइडिया और नई पहल पर खर्च कर रहे हैं. Earnkaro भी चार साल पहले एक नई बिजनेस पहल थी. हमने उस बिजनेस में निवेश किया है और अब ये मुनाफे में है.
CashKaro में रतन टाटा और कलारी कैपिटल ने निवेश किया है. कंपनी अपना पैसा ई-कॉमर्स साइट पर ट्रांजैक्शन के जरिये कमाती है. ये कैशबैक ऑफर के जरिए यूजर्स को प्रोत्साहित करता है और उनके लिंक के माध्यम से बेचे गए प्रोडक्ट पर मार्जिन लेता है.
कंपनी कई ऐप भी चलाती है, जैसे EarnKaro, CashKaro स्टोर्स और BankKaro, जो यूजर्स को कूपन देते हैं.