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Gold Outlook 2025: साल 2024 में खूब चमका सोना, क्या 2025 में भी होगी कमाई, जानिए एक्सपर्ट्स का नजरिया

साल 2024 में सोना वायदा ने 17% से ज्यादा का रिटर्न दिया है. अगर इसकी तुलना इक्विटी मार्केट्स से करें, तो इस पूरे साल निफ्टी का रिटर्न सिर्फ 7.9% रहा है, और सेंसेक्स ने सिर्फ 8% का रिटर्न दिया है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी12:57 PM IST, 31 Dec 2024NDTV Profit हिंदी
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साल 2024 में सोने की कीमतों ने अपने निवेशकों के चेहरे पर चमक बरकरार रखी है. इस पूरे साल तमाम जियोपॉलिटकल उठापटक, चुनावी नतीजों, केंद्रीय बैंकों की पॉलिसीज, महंगाई और ग्रोथ की जद्दोजहद, ब्याज दरों को लेकर उहापोह के बीच सोना तपकर एक बार फिर निवेशकों की उम्मीदों पर खरा उतरा है.

सोने ने दिया निफ्टी, सेंसेक्स से ज्यादा रिटर्न

घरेलू और ग्लोबल मार्केट्स, दोनों ही जगह सोने ने साल 2024 में दमदार प्रदर्शन किया है. सबसे पहले भारतीय बाजारों में सोने की बात करते हैं, MCX पर सोना वायदा 1 जनवरी 2024 को 63,320 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. इस पूरे साल MCX गोल्ड ने कई बार नई ऊंचाइयों को छुआ.

इसी साल अक्टूबर के अंत में MCX गोल्ड ने 80,282 का रिकॉर्ड हाई बनाया था. फिलहाल सोना 76,300 रुपये/10 ग्राम के करीब चल रहा है. यानी साल 2024 में सोना वायदा ने 17% से ज्यादा का रिटर्न दिया है. अगर इसकी तुलना इक्विटी मार्केट्स से करें, तो इस पूरे साल निफ्टी का रिटर्न सिर्फ 7.9% रहा है, और सेंसेक्स ने सिर्फ 8% का रिटर्न दिया है.

अक्टूबर की ऊंचाई से गिरा सोना

हालांकि अक्टूबर से तुलना करें तो सोना वायदा में 4% की गिरावट आ चुकी है, नहीं तो अक्टूबर तक सोना वायदा का रिटर्न 21% से ज्यादा था. अब इसकी वजह भी समझ लीजिए कि ऐसा क्यों हुआ. इसी साल अमेरिका में चुनाव भी हुए और डॉनल्ड ट्रंप जीतकर आए. ट्रंप की जीत ने बुलियन मार्केट में ग्लोबल स्तर पर निवेशकों के बीच सेंटीमेंट्स को काफी खराब किया.

टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी के बीच डॉलर लगातार मजबूत होने लगा, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में भी तेजी आई, इसका सीधा असर कमोडिटीज पर पड़ा. सोना भी कमजोर हुआ, हालांकि दूसरी कमोडिटीज के मुकाबले सोना अब भी ज्यादा बेहतर स्थिति में है. घरेलू बाजार में सोने में कमजोरी की एक और वजह भी थी, फेस्टिव सीजन के बाद डिमांड घट जाती है, जिसका असर कीमतों पर पड़ता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कॉलिन शाह ने कहा कि दिसंबर 2024 के महीने में सोने में मजबूत निवेश को दर्शाता है कि खरीदारों के निवेश पोर्टफोलियो में सोना ऊंची प्राथमिकता पर बना हुआ है. उन्होंने कहा 'इसे भारतीय गोल्ड ETF में बढ़ते इनफ्लो से सहारा मिला है, जिसमें अब तक 14.5 लाख करोड़ डॉलर (YTD) का इजाफा हुआ है'

HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता का कहना है कि पिछले हफ्ते अमेरिका की 10 साल की ट्रेजरी यील्ड बढ़कर 4.641% पर चली गई, जो मई के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है. जिससे डॉलर की ताकत बढ़ गई. मिले-जुले अमेरिकी बेरोजगारी डेटा और बढ़ती अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड के दबाव के बीच, कमजोर हॉलीडे ट्रेड में सोने में गिरावट आई. अनुज गुप्ता ने कहा कि डॉलर इंडेक्स ने लगातार चार हफ्ते तक अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा, जिससे सोने की मांग पर असर डाला.

गुप्ता के मुातबिक 'भारतीय रुपये की कमजोरी से स्थानीय सोने की कीमतों को बढ़ावा मिला, लगातार ऊंची डॉलर डिमांड की वजह से रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 85.82 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर पर आ गया है. दिसंबर में करेंसी ने मार्च के बाद से सबसे खराब हफ्ता दर्ज किया.'

2025 में सोने का आउटलुक

रिटर्न के लिहाज से सोने के लिए साल 2024 बेहद शानदार रहा है, लेकिन क्या साल 2025 में भी ये तेजी बरकरार रहेगी. इस पर एक्सपर्ट्स पॉजिटिव राय रखते हैं. अनुज गुप्ता का कहना है 'हमारा मानना ​​है कि निवेशकों को लंबे समय तक सोने में बने रहना चाहिए और गिरावट को खरीदारी के अच्छे अवसर के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए. निवेशकों के लिए, हम सोने के वायदा में 74,000 से 74,500 के आसपास लंबी पोजीशन लेने की सलाह देते हैं, जिसमें 79,900 से 82,000 का अपसाइड टारगेट है और स्टॉप लॉस 70,000 से नीचे बनाए रखना है.'

सोने पर पॉजिटिव आउटलुक के साथ गुप्ता अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करने के साथ 10-15% आवंटन की सलाह देते हैं.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने जमकर रिटर्न दिया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सोना इस सदी में अपने सबसे बड़े सालाना लाभ में से एक की ओर बढ़ रहा है, जिसमें 27% की बढ़त हुई है, जो अमेरिकी मॉनिटरी में ढिलाई, लगातार जियो-पॉलिटिकल जोखिम और सेंट्रल बैंक की ओर से खरीद का असर है.

कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कॉलिन शाह कहते हैं कि आगे भी निवेश मांग मजबूत रहने की उम्मीद है. हालांकि, सोने की खरीदारी के लिए आने वाले अशुभ समय के कारण, ज्वेलरी की मांग में शॉर्ट टर्म दबाव देखा जा सकता है.

मौजूदा प्राइस डायनामिक्स के साथ, शाह का कहना है कि सोने के बारे में उनका लॉन्ग टर्म नजरिया सकारात्मक बना हुआ है, जहां अस्थिरता और प्राइस करेक्शन के साथ ये 3,000 डॉलर के स्तर को छू सकता है.

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