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रोटी, कपड़ा, मकान से इतर कहां और कितना खर्च कर रहे लोग? एंटरटेनमेंट टॉप पर, ट्रैवलिंग पर भी जोर! यहां है पूरा लेखा-जोखा

वित्त वर्ष 2024 में FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्‍टर में एवरेज खर्च 16.76% बढ़ा है. FY23 में इस खर्च में 21.94% की गिरावट दर्ज की गई थी.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी04:41 PM IST, 30 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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India Consumption Report: एक दौर था, जब एंटरटेनमेंट का मतलब दूरदर्शन हुआ करता था. लोग हर रविवार की शाम आने वाली फिल्‍म का इंतजार करते थे. तब हर घर में टेलीविजन सेट (TV) भी नहीं हुआ करता था और जिस घर में होता था, वहां आस-पड़ोस से भी लोग जुटा करते थे.

उस दौर में एंटरटेनमेंट 'लग्‍जरी' था. वहीं आज ऑन-डिमांड एंटरटेनमेंट का जमाना है. एंटरटेनमेंट, आपकी हथेली पर बस एक क्लिक पर एवलेबल है.

आज भारतीय एंटरटेनमेंट पर सबसे ज्‍यादा खर्च कर रहे हैं. ATM का कैश मैनेजमेंट देखने वाली कंपनी CMS ने कंजम्‍पशन पर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, देश में लोगों के खर्च करने का पैटर्न बदलाव के दौर से गुजर रहा है.

कहां ज्‍यादा खर्च कर रहे हैं भारतीय?

मूलभूत जरूरतों से आगे बढ़ते हुए खर्च को लेकर भारतीयों की प्राथमिकताएं बदली हैं. लोग मीडिया और एंटरटेनमेंट पर खूब खर्च कर रहे हैं. ट्रैवलिंग और टूरिज्‍म भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है.

CMS की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022-23 में लोगों ने सबसे ज्‍यादा खर्च पेट्रोलियम पर किया था, जबकि एंटरटेनमेंट दूसरे नंबर पर था. इसके बाद रेलवे और फ्लाइट खर्च था, जबकि फुटवियर पर खर्च भी टॉप-5 खर्चों में शामिल था.

वर्ष 2023-24 में एंटरटेनमेंट पर खर्च टॉप पर है. इसके बाद FMCG दूसरे नंबर पर है. रेलवे और एविएशन इस साल भी टॉप-5 में शामिल है. पेट्रोलियम तो टॉप-5 खर्चों से ही बाहर हो गया है, जबकि FMCG के अलावा कंज्‍यूमर ड्यूरेबल की भी टॉप-5 में एंट्री हुई है.

मीडिया-एंटरटेनमेंट पर खर्च 29% बढ़ा

CMS इंफो सिस्‍टम की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में मीडिया और एंटरटेनमेंट पर खर्च में कुल 29% की ग्रोथ दर्ज हुई है. रिपोर्ट बताती है कि एंटरटेनमेंट सेक्‍टर में भारतीयों का औसत खर्च करीब 100% बढ़ गया है.

FICCI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्‍टर (M&E) वर्ष 2023 में 8% की ग्रोथ के साथ 2.3 ट्रिलियन तक पहुंच गया और अनुमान है कि 2026 तक 762 बिलियन की ग्रोथ के साथ ये सेक्‍टर 3.1 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा.

'रोटी, कपड़ा और मकान' से आगे बढ़े लोग

इकोनॉमिक ग्रोथ और आय बढ़ने के साथ ही भारतीय 'रोटी, कपड़ा, मकान' से आगे बढ़ते हुए भोजन जैसी जरूरी चीज और लग्‍जरी सामान, दोनों पर खर्च कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2024 में FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्‍टर में एवरेज खर्च 16.76% बढ़ा है. FY23 में इस खर्च में 21.94% की गिरावट दर्ज की गई थी.

इसके अलावा कंज्‍यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं पर भी एवरेज खर्च में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. FY 23 में 7.64% की गिरावट की तुलना में FY24 में 3.74% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ये रही CMS की रिपोर्ट

2032 तक कितना बड़ा होगा FMCG मार्केट?

2023 में इंडियन FMCG मार्केट की वैल्‍यू 164 बिलियन डॉलर था, जिसके 21.61% CAGR से बढ़ते हुए 2032 तक 1,093.06 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. ये सेक्‍टर करीब 30 लाख लोगों को रोजगार देता है, जो देश के फैक्‍टरी इंप्‍लॉयमेंट का करीब 5% है. इसलिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में इस सेक्‍टर की अहम भूमिका है.

ट्रैवल पर भी खूब खर्च कर रहे लोग

भारतीयों की प्राथमिकताओं में यात्रा भी शामिल है और लोग इस पर तेजी से खर्च कर रहे हैं. हवाई यात्रा और रेल यात्रा दोनों पर ही लोगों का खर्च बढ़ा है. 2 साल की अवधि (FY22-FY24) में, एविएशन सेक्‍टर में लोगों का एवरेज खर्च 27.42% बढ़ गया है. हालांकि FY23 में 19.81% की बढ़ोतरी की तुलना में FY24 में एवरेज खर्च में 6.36% की धीमी ग्रोथ दर्ज की गई.

रेलवे की बात करें तो FY24 के दौरान इस सेक्‍टर में एवरेज खर्च में 8.16% की वार्षिक ग्रोथ दर्ज की गई. इसमें पिछले 2 साल की अवधि (FY22-FY24) में, एवरेज खर्च 56.35% बढ़ा है.

अगले 10 साल में और कहां बढ़ेगा खर्च?

कोविड के बाद, ई-कॉमर्स पर खर्च में गिरावट दर्ज की गई थी, हालांकि आने वाले वर्षों में उम्‍मीद की जा रही है कि अन्‍य चीजों पर खर्च के साथ-साथ इस सेक्‍टर में भी ग्रोथ दर्ज की जाएगी. कारण कि लोगों के ज्‍यादा खर्च करने की प्रवृत्ति जारी रहेगी. ई-कॉमर्स पर खर्च करीब ढाई गुना बढ़ेगा. 2022-23 में ये आंकड़ा 5.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2032-33 में 13 लाख करोड़ रुपये हो सकता है.

इसी तरह रोजगार क्षमता और समृद्धि में एजुकेशन के रोल को देखते हुए, इस सेक्‍टर में भी खर्च करीब 2 गुना बढ़ेगा. 2022-23 में 4.85 लाख करोड़ रुपये की तुलना में खर्च का आंकड़ा 2032-33 में 9.55 करोड़ रुपये हो सकता है.

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