पैसे से पैसा बनाना कोई आम बात नहीं है. खासकर मार्केट में. इसके लिए पैसों के अलावा जरूरी है, मार्केट की समझ और निवेश की तकनीकी जानकारी. BQ प्राइम हिंदी का उद्देश्य भी हमारे दर्शकों-पाठकों को समृद्ध और खुशहाल बनाना है, एक साल पहले शुरू किए गए सफर में BQ प्राइम हिंदी की कोशिशों को आपने सराहा और ढेर सारा प्यार दिया है. आपके प्यार को ब्याज समेत लौटाने का वक्त आ गया है और दिवाली से अच्छा मौका हो नहीं सकता. इस बार हमारी दिवाली थीम है — दिवाली, समृद्धि वाली. इस स्पेशल इंटरव्यू सीरीज में हम मार्केट के दिग्गजों को आपके बीच लाएंगे जो आपको संवत 2080 में निवेश के बेहतरीन मौके बताएंगे.
इस खास सीरीज में हमने बात की मार्केट के दो बहुत ही जाने-माने और भरोसेमंद एक्सपर्ट्स से- अभय अग्रवाल (Abhay Agarwal) जो कि फाउंडर है पाइपर सेरिका (Piper Serica) के और पंकज मुरारका (Pankaj Murarka) जो कि फाउंडर है रेनेसां इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (Renaissance Investment Managers ) के. ये दोनों ही एक्सपर्ट्स बाजार की नब्ज को बखूबी समझते हैं, निवेश के मौकों को टटोलना हो या फिर जोखिम को कैसे मौके में बदलना हो इन्हें अच्छी तरह से आता है.
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अभय अग्रवाल का कहना है कि इस वक्त निवेशकों के मन में एक झिझक सी बनी हुई है, चुनाव के नतीजों का डर बना हुआ है, दूसरी तरफ इजरायल-हमास और यूक्रेन वॉर और ब्याज दरों को लेकर भी एक उलझन है. ऐसे में ये अच्छा मौका है लंबी अवधि के निवेशकों के लिए. अभय अग्रवाल का कहना है कि इस दिवाली से लेकर अगली दिवाली तक बाजार में उतार-चढ़ाव तो जरूर रहेगा, लेकिन जो निवेशक बिना डरे अच्छे शेयरों में अपना निवेश जारी रखेंगे उन्हें फायदा मिलेगा.
जबकि पंकज मुरारका मानते हैं कि भारत एक 'स्वर्णिम दशक' के दौर से गुजर रहा है. भारतीय इकोनॉमी आगे भी ज्यादा मजबूत रहेगी, दुनिया के मुकाबले भारत की ग्रोथ काफी अच्छी रहेगी. पंकज का कहना है कि दशक खत्म होने के बाद भारत एक ताकतवर ग्लोबल पावर की तरह उभरेगा. आने वाले दशक का हर साल इक्विटी मार्केट के लिए अच्छा रहेगा. हालांकि कभी ग्लोबल क्राइसिस की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर आ सकता है, लेकिन भारतीय इकोनॉमी और मार्केट आउटलुक काफी अच्छा है.
आने वाला एक साल बाजार के लिए कैसा रहेगा, इस सवाल के जवाब में अभय अग्रवाल कहते हैं कि पिछले 6 महीने में निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न मिला है , खासकर मिडकैप-स्मॉलकैप में 3-4 वर्षों के बाद इतने अच्छे रिटर्न देखने को मिले हैं. अब निवेशकों को ज्यादा लालची नहीं होना चाहिए. उनको ये कतई नहीं सोचना चाहिए कि बीते 6 महीने में जैसा रिटर्न मिला था, अगले 6 महीने में भी वैसा ही रिटर्न मिलेगा.
अभय अग्रवाल बताते हैं कि हमने बीच में मिडकैप-स्मॉलकैप में काफी प्रॉफिट बुकिंग की थी, इस वजह से हमारी कैश पोजीशन काफी ज्यादा बढ़ गई थी, जब तक हम उस पैसे को दोबारा लगा नहीं पाए, हमने कैश में रखा. इस वक्त हमारी कैश होल्डिंग करीब 25% के आस-पास आ गई है, अपनी कैश होल्डिंग को हम आगे कम करके 15% तक जाएंगे.
एक समय हमारा मिड-स्मॉलकैप में एलोकेशन 75% था, लार्जकैप में एलोकेशन 25% था और कैश बिल्कुल भी नहीं था. अब हमारा एलोकेशन 15% कैश में, 45% लार्जकैप में होगा. बाकी बचा एलोकेशन लार्ज-मिड-स्मॉलकैप में होगा. आने वाले 4 महीनों में धैर्यवान निवेशकों को अच्छे मौके मिलेंगे.
पंकज मुरारका को भारत की ग्रोथ स्टोरी पर काफी भरोसा है. वो कहते हैं कि भारत एक बहुत बड़ी इकोनॉमी है, यहां निवेश के मौकों की कोई कमी नहीं है, भारत के बहुत डायवर्सिफाइड इकोनॉमी है, निवेश के लिए 16 सेक्टर्स हैं. भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है, 6-7% की ग्रोथ के साथ भारत 200 बिलियन डॉलर का इंक्रिमेंटल आउटपुट जेनरेट करता है. अच्छे निवेशकों के लिए ग्रोथ के मौकों की कोई कमी नहीं हैं.
पंकज कहते हैं कि निवेशकों को दिवाली पर मेरी सलाह है कि अच्छी क्वालिटी की कंपनियों में निवेश करें. निवेशकों को लॉन्ग टर्म नजरिया लेकर चलना है, हालांकि ये भी मानते हैं कि बाजार में झाग (Froth) या बुलबुला जरूर है, क्योंकि मिडैकप-स्मॉलकैप में धुआंधार तेजी आई है, लेकिन बुल मार्केट में ऐसा होता ही, इसलिए निवेशकों को थोड़ा सावधान रहना होगा. बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, ये तो बाजार की प्रकृति है, बाजार में एक साल में 1-2 करेक्शन तो आते ही हैं. अगर तब आपके पास कैश है तो इसे मौका समझकर निवेश करें और धैर्य रखें, अच्छा रिटर्न मिलेगा.
नए संवत 2080 में निवेशकों को कहां निवेश करना चाहिए? पंकज मुरारका का मानना है कि पिछले 2-3 महीने में फार्मा सेक्टर पर काफी पॉजिटिव हुए हैं. हालांकि फार्मा सेक्टर ने पिछले 2 साल में अंडरपरफॉर्म किया है. सेक्टर की सारी कंपनियों का प्रॉफिट जोड़ लें, 2 साल से आय घट रही है. मगर अब फार्मा सेक्टर में अर्निंग ग्रोथ पॉजिटिव हो गई है. 2 साल पहले सेक्टर के पीक से शेयर आज भी 30-40% नीचे हैं. फार्मा सेक्टर में आने वाले समय में ग्रोथ रहेगी, वैल्युएशन भी अच्छे हैं. 2-3 साल नजरिया वाले निवेशकों को फार्मा में निवेश करना चाहिए
अभय अग्रवाल ने बताया कि हमने हाल ही में दो लार्जकैप फार्मा शेयरों डिवीज लैब और डॉ. रेड्डीज को पोर्टफोलियो में जोड़ा है. इसके अलावा दो लार्जकैप बैंक ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक के साथ साथ रिलायंस को भी जोड़ा है. ये सभी काफी अच्छी लीडरशिप क्वालिटी वाली कंपनियां हैं. वो एग्रोकेम कंपनियों को भी देख रहे हैं, हालांकि एग्रोकेम में काफी सेक्टर्स पर दबाव है. एग्रोकेम की घरेलू कंपनियां अच्छी चल रही हैं, लेकिन एक्सपोर्ट थोड़ा परेशानी में हैं. ऐसे में सेक्टर की लीडर कंपनियां अच्छी वैल्युएशन पर मिलती हैं. इसलिए हमने पोर्टफोलियो में UPL को भी जोड़ा है.
अभय अग्रवाल की नजर कैपिटल मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट करने वाली कंपनियों CDSL, CAMS जैसी कंपनियों पर है. उनका कहना है कि जैसे-जैसे शेयर बाजार बढ़ेगा, निवेशक बढ़ेंगे इसका फायदा इन कंपनियों को होगा. इन कंपनियों के मार्जिन बहुत ज्यादा है, निवेशकों को भी कैश बांटते रहते हैं. वैल्युएशन अभी थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक हैं
घरेलू खपत वाली कंपनियों जैसे- ऑटो और होम बिल्डिंग इनकी डिमांड बढ़ती रहेगी. APL अपोलो, अपोलो पाइप्स जैसी कंपनियां काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. इसके अलावा एग्रोकेम पर भी फोकस है. एग्रीकल्चर सेगमेंट में जो भी सरकार आएगी, उसको ध्यान देना ही पड़ेगा, किसानों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाली कंपनियों पर हम फोकस कर रहे हैं.
पंकज मुरारका भारत के इंटरनेट सेक्टर को लेकर काफी उत्साहित हैं, वो कहते हैं कि इस सेगमेंट को लेकर बहुत बुलिश हैं. क्योंकि भारत में आने वाले समय में हर बिजनेस डिजिटल हो जाएगा. जो बिजनेस डिजिटल नहीं होगा, वो खत्म हो जाएंगे, इसलिए निवेशकों को इंटरनेट कंपनियों में निवेश करना चाहिए. मगर इंटरनेट सेक्टर अच्छा करेगा, इसका मतलब ये नहीं कि इस सेक्टर की हर कंपनी अच्छा करेगी. इसलिए बहुत समझदारी से शेयरों को चुनाव करना होगा. आने वाले दशक में इंटरनेट सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला सेक्टर रहेगा.
डिस्क्लेमर: शेयरों पर दी गई सलाह, एक्सपर्ट्स की निजी राय है. निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें.