पूरा देश दिवाली के जश्न में डूबा है, दीयों और रौशनी से गांव से लेकर शहर जगमगा रहे हैं. दिवाली खुशी, समृद्धि और तरक्की का प्रतीक है. ये प्रतीक है अंधकार पर प्रकाश की जीत का, ये प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का. शेयर बाजार के लिए भी दिवाली का विशेष महत्व है इसलिए हर साल BSE, NSE पर एक स्पेशल ट्रेडिंग सेशन का आयोजन किया जाता है.
आज 1 नवंबर को दिवाली के अवसर पर शाम 6 बजे से 7 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. मुहूर्त ट्रेडिंग हिंदू कैलेंडर वर्ष संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक होगा. निवेशक और ट्रेडर्स साल के पहले दिन को फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए शुभ मानते हैं.
एक्सचेंजों की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार,प्री-ओपनिंग सेशन शाम 5:45 बजे से शाम 6:00 बजे तक रहेगा, जबकि ब्लॉक डील विंडो शाम 5:30 बजे से शाम 5:45 बजे तक खुली रहेगी. प्री-ओपनिंग सेशन के बाद, स्टॉक एक्सचेंज, NSE और BSE, शुक्रवार, 1 नवंबर, 2024 को शाम 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक अपना वार्षिक दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे.
ब्लॉक डील सेशन मुहूर्त ट्रेडिंग का शुरुआती चरण है. जो कि 5:30 pm से 5:45 pm तक होता है. इस सेशन में, ट्रेडर्स पूर्व निर्धारित मूल्य पर शेयरों की बिक्री या खरीद के लिए प्रतिबद्ध होते हैं. खरीद या बिक्री की सूचना स्टॉक एक्सचेंज को दी जाती है.
ये करीब एक घंटे के ट्रेडिंग सेशन होता है, जहां निवेशकों की ओर से टोकन ट्रेड करने पर ज्यादातर ट्रांजैक्शन किए जाते हैं.
स्पेशल सेशन के इस हिस्से में जिन सिक्योरिटीज का ट्रेड नहीं किया जाता है जिन्हें 'अतरल' सिक्योरिटीज के रूप में भी जाना जाता है, उनकी ट्रेडिंग एक्सचेंज में की जाती है. पीरियॉडिक कॉल ऑक्शन की टाइमिंग शाम 6:05 बजे से शाम 6:50 बजे तक होगी. BSE ने बताया कि अंतिम 10 मिनट में ऑर्डर एंट्री सेशन का रैंडम क्लोजर होगा.
सर्कुलर में कहा गया है कि 1 नवंबर को शेयर बाजार बंद रहेगा, क्योंकि दिवाली देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. इक्विटी, करेंसी डेरिवेटिव्स, इक्विटी F&O, सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग का कारोबार केवल एक घंटे के विशेष समय स्लॉट के दौरान ही होगा.
दिवाली पर हर साल आयोजित होने वाले मुहूर्त ट्रेडिंग में आमतौर पर काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक, (जो ज्यादातर रिटेल सेगमेंट से होते हैं) मुनाफे की बजाय एक पारंपरिक अभ्यास के तौर पर ट्रेड करते हैं.
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड की इक्विटी रणनीतिकार क्रांति बाथिनी ने कहा, 'चूंकि मुहूर्त ट्रेडिंग बहुत कम समय के लिए होती है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. कई निवेशक पारंपरिक तौर पर उस दिन खरीदारी करते हैं. हालांकि, संस्थागत भागीदारी बहुत सीमित या नगण्य होगी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से कोई भागीदारी नहीं होगी.'
ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान प्रतीकात्मक व्यापार करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर ट्रेड करने से सौभाग्य और समृद्धि आती है. जबकि ये परंपरा सदियों से अनौपचारिक रूप से प्रचलित है, BSE ने 1957 में इस परंपरा को शुरू किया, बाद में इस परंपरा को NSE ने भी अपना लिया.
डीमैट खातों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुआत से पहले, ट्रेडर्स स्पेशल सेशन के दौरान ट्रेड करने के लिए एक्सचेंजों में इकट्ठा होते थे और फिर शेयर खरीदते बेचते थे. आजकल, ट्रेडर्स सौभाग्य और समृद्धि को प्राप्त करने के लिे 'टोकन' ट्रेडिंग करते हैं.
मुहूर्त ट्रेडिंग का न केवल ट्रेडर्स के लिए बेहद महत्व है बल्कि इसका बाजार पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखते हैं. बेंचमार्क इंडेक्स के अच्छे प्रदर्शन को आने वाले वर्ष के लिए एक अच्छा संकेत माना जाता है.
पिछले दशक में, मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स ने मिला-जुला प्रदर्शन किया है. जबकि सेंसेक्स ने 2016 और 2017 में लगातार गिरावट दर्ज की, इंडेक्स पिछले छह वर्षों से स्पेशल ट्रेडिंग सेशन में हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहा है. 2023 में इसने 355 अंकों की बढ़त हासिल की थी.