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Budget Amendments 2024: FM ने प्रॉपर्टी खरीदारों को दी राहत, 12.5% LTCG इंडेक्सेशन के साथ 20% वाला विकल्प भी बरकरार

सरकार प्रॉपर्टी बेचने वालों को 2 विकल्प दे सकती है. एक में वे इंडेक्सेशन का फायदा ले सकते हैं, जबकि दूसरे में वे कम LTCG का ऑप्शन चुन सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:51 PM IST, 06 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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बजट में सरकार ने प्रॉपर्टीज बेचने पर इंडेक्सेशन का फायदा खत्म करके तगड़ा झटका दिया था, लेकिन अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट सेक्टर की तीखी प्रतिक्रिया और मांग के बाद इसमें बदलाव किया है.

फाइनेंस बिल, 2024 में इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिसके मुताबिक प्रॉपर्टी बेचने वालों को नए और पुराने दोनों ही नियमों को अपनाने का विकल्प दिया गया है, लेकिन शर्तों के साथ.

इसके मुताबिक सरकार प्रॉपर्टी बेचने वालों के लिए दोनों ऑप्शन देगी. पहले ऑप्शन में सेलर 20% LTCG के साछ इंडेक्सेशन का ऑप्शन चुन सकता है. जबकि दूसरे ऑप्शन में सेलर 12.5% LTCG का विकल्प चुन सकता है, लेकिन इसमें इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा.

इन दोनों विकल्पों में सेलर उस विकल्प को चुन सकता है, जिसमें उसकी टैक्स देनदारी कम बनती हो. इन दोनों विकल्पों का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिन्होंने प्रॉपर्टी या जमीन को 23 जुलाई, 2024 के पहले खरीदा हो.

इसका मतलब हुआ कि टैक्सपेयर्स दोनों स्कीम में अपना टैक्स कैलकुलेट कर सकेंगे और जो भी कम होगा, उसे चुन सकते हैं.

साथ ही ये भी समझ लें कि अगर कोई प्रॉपर्टी 23, जुलाई 2024 के दिन या उसके बाद खरीदी गई है तो उस प्रॉपर्टी को बेचने पर इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा, उस पर बिना इंडेक्सेशन के 12.5% LTCG टैक्स ही लगेगा.

टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन के मुताबिक ग्रैंड फादरिंग क्लॉज सिर्फ HUF (Hindi Undivided Family) और रहवासी लोगों के लिए है. जबकि कंपनी, पार्टनरशिप फर्म और LLP के लिए इंडेक्सेशन का ये ऑप्शन उपलब्ध नहीं होगा.

क्या होता है इंडेक्सेशन?

दरअसल इंडेक्सेशन के जरिए बढ़ी हुई महंगाई और डेवलपमेंट चार्ज के खर्च को ध्यान में रखकर पर्चेज वैल्यू कैलकुलेट की जाती है. दूसरी तरह से कहें तो प्रॉपर्टी पर दिए जाने वाले LTCG में से ये वैल्यू डिडक्ट होती है.

उदाहरण के तौर पर कोई प्रॉपर्टी आपने 10 लाख रुपये की खरीदी. 5 साल बाद आप इसे 20 लाख रुपये की बेचते हैं. इस तरह आपका 10 लाख रुपये का मुनाफा या कहें कि कैपिटल गेंस हुआ है. इस कैपिटल गेंस पर LTCG (Long Term Capital Gain) टैक्स लगता है.

लेकिन इंडेक्सेशन के चलते आपकी पर्चेज वैल्यू 10 लाख रुपये से बढ़ जाएगी. मतलब इस पर इंडेक्सेशन की सालाना दर के हिसाब से कैलकुलेशन होगा.

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