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Budget 2024: मोदी 3.0 सरकार ने शिक्षा पर बजट 31% बढ़ाया, स्‍वास्‍थ्‍य पर भी जोर! वित्त मंत्री ने किए ये बड़े ऐलान

मोदी 3.0 सरकार के पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं की.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी08:00 PM IST, 23 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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Union Budget 2024: रोटी, कपड़ा और मकान के बाद मूलभूत जरूरतों में गिनती होती है, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य की. हर साल बजट में हेल्‍थ और एजुकेशन पर एलोकेशन को लेकर खूब चर्चा भी होती है. बजट कम किया जाता है तो सरकार को आलोचना भी झेलनी पड़ती है. तो इस बार बजट के पिटारे में से हेल्‍थ और एजुकेशन सेक्‍टर के लिए क्‍या निकल कर आया है?

मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य, दोनों पर आवंटन बढ़ाया है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में स्वास्थ्य पर जहां करीब 4.64% की बढ़ोतरी की गई है, वहीं एजुकेशन बजट तो 31% से ज्यादा बढ़ा दिया गया है.

स्वास्थ्य के लिए 90,171 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए 90,171 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. हालांकि वित्त मंत्री ने बजट में विकसित भारत के लिए जिन 9 प्राथमिकताओं की घोषणा की, उनमें स्वास्थ्य को जगह नहीं दी गई है.

इस बजट से आयुष्मान भारत योजना में बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई. हालांकि कैंसर की 3 अहम दवाओं पर सरकार ने कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है. यानी अब इन दवाओं के आयात पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. इससे कैंसर का इलाज सस्ता होगा.

बजट में वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने की भी बात कही है.

...और सुधारने होंगे हालात

स्वास्थ्य के लिए आवंटन, कुल बजट के अनुपात में देखें तो ये 2018-19 में 2.4% से घट कर 2023-24 में मात्र 1.9% रह गया. इसी अवधि के दौरान स्वास्थ्य के लिए आवंटन, GDP के 0.30% से घट कर 0.28% रह गया था. अब इस बार के बजट में हेल्‍थ पर एलोकेशन में पिछले साल की अपेक्षा 4.64% की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि जानकारों का मानना है कि इस ओर और ज्‍यादा प्रयासों की जरूरत है.

बजट में शिक्षा पर कितना जोर?

इस बार के बजट में एजुकेशन सेक्‍टर में कई घोषणाएं की गई हैं और एलोकेशन में भी काफी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन पहले अब तक के हालात पर एक नजर डाल लेते हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में देश में शिक्षा पर सरकार का खर्च GDP के 3% के आसपास रहा है, जबकि शिक्षा पर खर्च बढ़ाने की मांग हर साल बढ़ती रही है.

देश की शिक्षा नीति (Education Policy) में शिक्षा पर GDP का 6% खर्च करने की बात कही गई है, जबकि सरकार मौजूदा आवंटन को खर्च करने के लिए संघर्ष कर रही है. सरकार के पास पिछले बजट (₹1,12,899 करोड़) से करीब 7,000 करोड़ रुपये की राशि बची हुई है, जिसे सरकार खर्च नहीं कर पाई है.

इस बार हुए बड़े ऐलान

वित्त मंत्री ने बजट में हायर एजुकेशन के लिए लोन और इंटर्नशिप से जुड़ी योजनाओं का भी ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि

  • सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाएगी.

  • छात्रावासों और क्रेच के माध्यम से वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी.

  • एक हजार ITI को हब एंड स्पोक मॉडल में अपग्रेड किया जाएगा.

  • घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए वित्तीय सहायता देगी. हर साल एक लाख छात्रों को ई-वाउचर दिए जाएंगे.

  • बजट में हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का भी प्रस्ताव है.

  • सरकार संवर्धित कोष की गारंटी के साथ 7.5 लाख रुपए तक की लोन सुविधा के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित करेगी. इससे हर साल 25 हजार स्टूडेंट्स को मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 500 टॉप कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी. इसमें इंटर्नशिप भत्ते के रूप में 5000 रुपये/महीने और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता भी देगी.

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