नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में एक है सरकारी योजनाओं की शानदार डिलीवरी. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) ने सबकुछ बदल दिया है. अब सब्सिडी चाहे 10 रुपये की हो या 2 लाख की, सीधा लाभार्थी के खाते में पैसा जाता है. यही कारण है कि देश में एक कैटेगरी बन गई है, जिसे लाभार्थी के नाम से जाना जाने लगा है और ये लाभार्थी प्रधानमंत्री मोदी के बड़े प्रशंसक हैं.
NDTV ग्रुप के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि PM के कार्यक्रम में आकर लाभार्थी खुद योजनाओं का लाभ बताते हैं. सरकार पिछले 10 साल से लगातार जनता के हित की योजनाएं ला रही है. योजना लाने के साथ सरकार ने उसकी 100% डिलीवरी का भी इंतजाम किया है. इस अंतरिम बजट में भी उन्होंने वेलफेयर को हर परिवार तक पहुंचाने का खास ख्याल रखा है. उन्होंने बताया कि वो इसके लिए हर जरूरी खर्च करेंगी.
वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार किसानों के वेलफेयर के लिए बहुत सारे कार्यक्रम चला रही है. उन्होंने आगे कहा कि जरूरी नहीं है कि फिस्कल अनुशासन के लिए सब्सिडी में कटौती की जाए. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि ग्लोबल मार्केट में यूरिया के दाम बढ़ने के बाद भी सरकार ने इसका इंपोर्ट किया, लेकिन किसानों पर बढ़ी कीमतों का बोझ नहीं पड़ने दिया. सरकार वित्तीय अनुशासन पर जोर दे रही है, मगर जरूरी सब्सिडी पर भी पैसे खर्च हो रहे हैं.
रोजगार के सवाल पर भी वित्तमंत्री ने बड़ी साफगोई से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार जब भी कोई स्कीम लॉन्च करती है तो प्रधानमंत्री ये जरूर पूछते हैं कि इससे कितनी नई नौकरियां पैदा होंगी.
उन्होंने बताया कि सरकार छोटे और मीडियम बिजनेस को लगातार मदद कर रही है, इससे भी नौकरियां पैदा हो रही हैं. यही नहीं मुद्रा लोन सहित कई ऐसी स्कीम्स हैं जो आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देती है. इससे लोग खुद तो कमाते ही हैं, एक-दो लोगों को नौकरी पर भी रखते हैं. वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार स्वरोजगार के जरिए लोगों को भी सशक्त करना चाहती है.
वित्तमंत्री ने लखपति दीदी योजना पर पूछे गए सवाल पर भी एम्पावरमेंट का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे एम्पावरमेंट से समाज और व्यक्ति को ज्यादा फायदा होता है. लखपति दीदी कार्यक्रम पर उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर गांवों में काफी उत्सुकता है. इस कार्यक्रम से ग्रामीण महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है.
वित्तमंत्री ने ड्रोन महिला पायलट कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग ही असली सशक्तिकरण है. आपको बता दें कि सरकार महिला ड्रोन पायलट को 15 हजार रुपये महीना मानदेय देती है. महिलाएं ड्रोन की मदद से खेतों में कीटनाशक छिड़कने जैसे काम करती हैं.
वितमंत्री ने इस खास इंटरव्यू में बताया कि सरकार PM आवास योजना और अफोर्डेबल हाउस के बीच की एक स्कीम ला रहे हैं. इससे चॉल, झुग्गियों और किराए के छोटे मकान में रहने वाले जरूरतमंद लोगों को मदद मिलेगी.