मोदी सरकार (Modi Government) आने वाले बजट में इनकम टैक्स कटौती (Tax Cut) से जुड़े फैसले कर सकती है. मामले से जुड़े जानकारों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि पहली बार सात साल में ये कटौती हो सकती है. इस कवायद का उद्देश्य कंज्यूमर खर्च को बढ़ाना है.
इसके अलावा सरकार कंज्यूमर खर्च को बढ़ाने से जुड़े दूसरे कदम भी उठाएगी. इसमें छोटे किसानों को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी, रोजगार गारंटी में न्यूनतम वेतन को बढ़ाने के साथ महिला किसानों के हित में उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जा रहा है.
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में मौजूद अधिकारियों के मुताबिक इससे सरकार की आमदनी में करीब 6 बिलियन डॉलर (500 अरब रुपये) की कमी आएगी. इसके तहत कम आय वाले लोगों को टैक्स छूट की राहत दी जाएगी.
फिलहाल 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों पर 5% से 20% तक टैक्स लगाया जाता है. इन लोगों को सरकार के इस कदम से फायदा मिल सकता है. इतना ही नहीं एक नए टैक्स स्लैब पर भी फैसला किया जा सकता है.
योजना पर फिलहाल काम चल रहा है और बजट के पास आने पर प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है.
जानकारों में से एक ने कहा कि टैक्स बदलाव से रेवेन्यू में होने वाले नुकसान के बावजूद सरकार फिस्कल डेफिसिट के अपने टारगेट पर बरकरार रहेगी. सरकार का इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट टारगेट GDP का 5.1% है.
सरकार का अनुमान है कि खर्च करने की क्षमता बढ़ाने में खर्च होने वाले 500 अरब रुपये में से आधे टैक्स कट के जरिए खर्च किए जाएंगे. जबकि आधा पैसा दूसरे कार्यक्रमों के जरिए खर्च किया जाएगा.
इसके तहत छोटे किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली सालाना राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने पर विचार किया जा रहा है. कंज्यूमर खर्च को बढ़ाने के लिए सरकार न्यूनतम रोजगार गारंटी योजना में भुगतान को बढ़ाने के अलावा महिला किसानों को विशेष मदद पहुंचाने पर भी योजना बना रही है.