शेयर बाजार और बजट का गहरा रिश्ता रहा है. पिछले 10 साल के पन्नों के पलटें तो हमें पता चलता है कि बजट के आस-पास भारतीय शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिलती है. उदाहण के तौर पर साल 2020, 2016 और 2014 में भारतीय बाजारों में बजट के हफ्ता या महीना भर पहले और उसके बाद काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था.
अब सवाल उठता है कि ऐसा होता क्यों है. दरअसल, बजट में कुछ ऐलान होते हैं, जिनका बाजार की चाल पर गहरा असर होता है. जैसे- विनिवेश योजनाएं, फिक्सल डेफिसिट के लक्ष्य, हाउसिंग और रेलवे जैसे सेक्टर्स में बजट का आवंटन, कैपिटल गेंस समेत दूसरी टैक्स पॉलिसीज को लेकर किए गए ऐलान.
इतिहास में पांच मौके ऐसे आए हैं, जब मार्केट ने बजट वाले दिन अच्छा प्रदर्शन किया है. सात मौके ऐसे रहे हैं, जब बजट के अगले दिन भी बाजार में तेजी देखने मिली. साल 2021 में निफ्टी ने सबसे ज्यादा छलांग लगाई, जबकि बीते दो सालों में इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. अनुमान है कि इसमें कोई बड़े पॉलिसी ऐलान नहीं होंगे. इसका ध्यान रखते हुए एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि मोदी सरकार बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस में आवंटन को बढ़ाएगी. वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए और घाटे के लक्ष्य को नीचे की ओर लाएगी.