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Budget 2024: NPS बचाएगा और टैक्स, बजट में हो सकते हैं ये बदलाव

बीते कुछ बजट में ये देखने को मिला है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल पेंशन सिस्टम और नए टैक्स रिजीम का दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगी है. सरकार ने दोनों को आकर्षक बनाने के लिए कई कदम भी उठाए हैं
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी04:27 PM IST, 08 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक बहुत भरोसेमंद सरकारी स्कीम है. NPS से मिलने वाला रिटर्न मार्केट-लिंक्ड होता है. इससे न केवल कोई भी व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के लिए बड़ा कॉर्पस इकट्ठा कर सकता है बल्कि टैक्स बेनेफिट भी हैं.

NPS पर टैक्सपेयर्स की डिमांड

NPS में निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) और नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) दोनों में ही है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में 80C के सब-सेक्शन 80CCD के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है.

इसके अलावा सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट भी मिलती है, जोकि सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही मिलती है. यानी पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्सपेयर्स को 80CCD के तहत अधिकतम 2 लाख रुपये का टैक्स बेनेफिट मिलता है.

ये बेनेफिट नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने वाले टैक्सपेयर्स को नहीं मिलता है, इसलिए टैक्सपेयर्स की मांग की है कि नई टैक्स व्यवस्था में भी 50,000 रुपये के अतिरिक्त कंट्रीब्यूशन को लागू किया जाए. ऐसा करने से नई टैक्स व्यवस्था का अपनाने के लिए लोग प्रोत्साहित होंगे.

नई और पुरानी दोनों ही टैक्स व्यवस्थाओं में टैक्सपेयर सेक्शन 80CCD(2) के तहत NPS में केवल एम्पलॉयर के कंट्रीब्यूशन को ही क्लेम कर सकते हैं, जो कि कर्मचारी की सैलरी का अधिकतम 10% (बेसिक+ DA) होता है. बजट में उम्मीद की जा रही है कि इस लिमिट को बढ़ाकर 12% किया जा सकता है. इसका फायदा सभी सैलरीड क्लास के लिए लोगों को होगा.

बीते कुछ बजट में ये देखने को मिला है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल पेंशन सिस्टम और नए टैक्स रिजीम का दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगी है. सरकार ने दोनों को आकर्षक बनाने के लिए कई कदम भी उठाए हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बार 23 जुलाई के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं.

फरवरी 2024 को पेश किए गए अंतरिम बजट में कोई बड़े ऐलान नहीं हुए थे, लेकिन इस बार एक पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश होने वाला है, इसलिए ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार तोहफों को पिटारा खोलेगी और टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी.

क्या है NPS

NPS की सबसे अच्छी बात ये है कि ये कोई व्यक्ति खोल सकता है, उसे सरकारी कर्मचारी होना या किसी प्राइवेट कंपनी में काम करने की कोई जरूरत नहीं है, कोई भी व्यक्ति खुद से ही NPS अकाउंट खुलवा सकता है. दरअसल, ये स्कीम साल 2004 में सरकार ने सिर्फ कर्मचारियों के लिए शुरू की थी. ये बिल्कुल PPF, EPF की तरह ही होता है, इसमें आप रेगुलर कुछ पैसा डालते हैं और रिटायरमेंट पर आपको ये पैसा मिल जाता है.

फर्क इतना है कि PPF, EPF के रिटर्न पहले से तय होते हैं, लेकिन NPS का कुछ पैसा शेयर बाजार में भी लगता है, इसलिए इसके रिटर्न फिक्स्ड नहीं होते हैं. साल 2009 में पेंशन रेगुलेटर PFRDA के हाथ में आने के बाद इसे सबके लिए खोल दिया गया. यानी इसका फायदा अब कोई 18-65 साल का व्यक्ति ले सकता है.

जब निवेशक 60 साल का हो जाता है तो वो इसमें से 60% पैसा एकमुश्त निकाल सकता है. बाकी 40% रकम को एन्युटी में निवेश करना होता है. ये दोनों ही टैक्स फ्री होते हैं. लेकिन जो पेंशन मिलती है उसे आय माना जाता है, उस पर इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होता है. साल 2019 से पहले ये EET था, मतलब निवेश, रिटर्न तो टैक्स फ्री था,लेकिन इसकी निकासी पर टैक्स लगता था, लेकिन साल 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस 60% हिस्से को पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दिया, यानी EEE कैटेगरी में डाल दिया.

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