विदेश में घूमने-फिरने वालों के लिए बजट में खुशखबरी आई है. विदेश में छुट्टियां बिताने के लिए जाने वाले भारतीयों को अब LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत 7 लाख रुपये तक के खर्च पर TCS यानी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स नहीं देना होगा. फाइनेंस बिल में ये प्रस्ताव दिया गया है. इस बदलाव से कैसे फायदा होगा, चलिए इसको समझते हैं.
आपको बता दें कि पिछले साल LRS के नियमों में TCS को लेकर बदलाव किया गया था. जिसके मुताबिक किसी वित्त वर्ष में 7 लाख रुपये से ज्यादा के रेमिटेंस पर अनिवार्य 20% TCS लगाया गया था, जिसे 1 अक्टूबर 2023 से लागू किया जाना था. इसमें मेडिकल ट्रीटमेंट और शिक्षा के लिए खर्च की गई रकम पर थोड़ी राहत दी गई थी, इसमें अगर रकम 7 लाख रुपये से ज्यादा है तभी 5% TCS देना होता है. विदेशी टूर पैकेजों को छोड़कर, 7 लाख रुपये से कम के रेमिटेंस पर TCS नहीं लिया जाता था.
विदेशी टूर पैकेज जो 7 लाख रुपये से कम के हैं, उन पर 1 अक्टूबर 2023 से 5% का TCS लगाने का फैसला किया गया था, अगर ये इस सीमा से ज्यादा हो जाता है, यानी 7 लाख रुपये से ज्यादा होता है तो 20% TCS का प्रावधान किया गया था. मतलब ये कि 7 लाख तक के विदेशी टूर पैकेज पर अबतक जो 5% का TCS वसूला जाता है, वो अब नहीं देना होगा. मतलब अगर किसी ने 7 लाख रुपये तक का टूर पैकेज खरीदा है, तो उसे TCS के रूप में 5% के हिसाब से 35,000 रुपये देना अनिवार्य था, अब इस नए प्रस्ताव से इन 35,000 रुपये की बचत हो जाएगी.
टैक्स फर्म EY ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि 'इसमें रेट्रोस्पेक्टिव संशोधन करके 1 अक्टूबर, 2023 से लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है, 1 जुलाई 2023 और 30 सितंबर 2023 के दौरान 5% टैक्स लागू होगा. 1 अक्टूबर 2023 के बाद से जो टैक्स कलेक्ट कर लिया गया है, लेकिन रेवेन्यू अथॉरिटीज को डिपॉजिट नहीं किया गया है, उसके रिफंड पर अभी सफाई आना बाकी है.'