बजट से आम टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को, खासतौर पर जो नौकरीपेशा हैं, उन्हें काफी उम्मीदें रहती हैं. पिछले बजट में टैक्सपेयर्स के लिए कुछ ऐलान जरूर हुए थे, लेकिन उसका फायदा ज्यादातर नए टैक्स सिस्टम वालों को ही था. क्या 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट (Interim Budget) में टैक्सपेयर्स के लिए कुछ होगा, तो इसका जवाब आमतौर पर 'नहीं' है.
इस बात को ध्यान में रखते हुए EY (Ernst & Young) ने बजट की उम्मीदों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. इस बजट में टैक्सेशन, खासतौर पर पर्सनल इनकम टैक्स (Personal Income Tax) को लेकर सरकार से क्या उम्मीदें की जा सकती हैं, इसका जिक्र किया गया है, और ये भी बताया है कि सरकार अंतरिम बजट में क्या कर सकती है.
सबसे पहले एक नजर डालते हैं कि 2009, 2014 और 2019 के अंतरिम बजट में इनकम टैक्स को लेकर क्या ऐलान किए गए हैं. साल 2019 में सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स में छोटे-छोटे कई सारे बदलाव किए गए थे, जैसे स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया, दो हाउसिंग प्रॉपर्टीज पर टैक्स की छूट दी गई. दो घरों के लिए सेक्शन 54 का लाइफ टाइम में एक बार फायदा ले सकेंगे, अगर अगर LTCG 2 करोड़ से ज्यादा नहीं है. साथ ही सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली 2,500 रुपये की छूट बढ़ाकर 12,500 रुपये की गई थी. सेक्शन 194A के तहत TDS की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये की गई थी.
साल 2019 में टैक्स को लेकर कई बदलाव किए गए, ऐसे में सरकार इस अंतरिम बजट में भी टैक्सपेयर्स के लिए छोटे-मोटे ऐलान कर सकती है. ये एलान स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउसिंग लोन, हाउसिंग प्रॉपर्टी से जुड़े हो सकते हैं. टैक्सपेयर्स को बजट से क्या उम्मीदें हैं- एक नजर इस पर डाल लेते हैं.
हाउसिंग सेक्टर को बजट में हमेशा कुछ न कुछ मिलता है, इस बार के बजट में गुंजाइश कम है कि किसी तरह का कोई ऐलान हो, लेकिन पिछले अंतरिम बजट को देखते हुए उम्मीद बरकरार है. टैक्सपेयर्स चाहते हैं कि सरकार हाउसिंग लोन के ब्याज की टैक्स डिडक्शन की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाए, जो कि एक पुरानी डिमांड है. इसके अलावा हाउसिंग प्रॉपर्टी के नुकसान को सेट-ऑफ करने के लिए 2 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाया जाए. साथ ही HRA में ज्यादा छूट हासिल करने के लिए हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलुरु को मेट्रो शहर की लिस्ट में शामिल किया जाए.
इसके अलावा भी टैक्सपेयर्स की कई उम्मीदें हैं, जैसे- सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा दे रही है, ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है कि सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल के खरीदारों को मिलने वाली टैक्स छूट को और बढ़ाए. NPS के तहत सिस्टमैटिक लम्पसम विद्ड्रॉल (SLW) के जरिए मिली रकम पर टैक्स कैसे लगेगा, इस पर भी सरकार से सफाई की उम्मीद है.
हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद ही कह चुकी हैं कि आने वाला अंतरिम बजट सिर्फ वोट ऑन अकाउंट होगा, क्योंकि देश चुनाव की ओर जा रहा है. जुलाई 2024 में फुल बजट पेश किया जाएगा. इसलिए साल 2009, 2014 और 2019 के अंतरिम बजट को देखा जाए तो इस बार भी किसी तरह के रिफॉर्म्स या बड़े ऐलान की गुंजाइश नहीं है.
चुनाव आयोग के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानी आचार संहिता के मुताबिक, सरकार किसी भी तरह के टैक्स ऐलान नहीं कर सकती है, जिससे वोटर्स पर असर पड़े. सरकार को चुनाव से ठीक पहले कोई भी बड़े ऐलान नहीं करना चाहिए और जो भी नई सरकार चुनकर आए, वो फुल बजट पेश करे और ऐलान करे.