इस साल अप्रैल-मई में होने वाले चुनावों से पहले 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी.
अंतरिम बजट में मोटे तौर पर अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, पूंजीगत खर्च और आय के साथ-साथ चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान और आने वाले वर्ष के अनुमानों का आंकलन शामिल होता है. ये वोट-ऑन-अकाउंट से अलग है, जो चुनाव तक जरूरी खर्चों के लिए मंजूरी मांगता है. अगली चुनी हुई सरकार लोकसभा चुनाव के बाद पूर्ण बजट पेश करेगी.
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक अंतरिम बजट होने के बावजूद, निवेशकों की नजर मध्यम अवधि में फिस्कल कंसोलिडेशन को लेकर सरकार की प्रतिबद्धताओं पर होगी, अगर कैपेक्स ग्रोथ फिस्कल कंसोलिडेशन के साथ साथ जारी रह सकती है, और सरकारी बॉन्ड्स की सप्लाई बाजार पचा लेता है.
उम्मीद से बेहतर राजस्व के कारण वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटा सरकार के GDP के 5.9% के लक्ष्य के आसपास रहने की संभावना है.
नवंबर 2023 तक फिस्कल डेफिसिट या राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 50.7% था.
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सरकार वित्त वर्ष 2024 में GDP के 5.9% के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी, क्योंकि हमें GDP के 0.2% से ज्यादा कमाई होने की उम्मीद है". नोट में गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि वास्तव में, अगर चालू तिमाही में खर्च कम रहता है, तो घाटा GDP का 5.8% हो सकता है.
ये पहले एडवांस अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 के लिए वार्षिक आधार पर 8.9% की नॉमिनल GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन के बावजूद है. ये 10.5% के बजट अनुमान से कम है.
ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है - बजट में तय में किए गए कम नॉमिनल GDP के आंकड़े- (FY24 के लिए 301.8 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले NSO का 296.6 लाख करोड़ रुपये का पहला एडवांस अनुमान)--ये फिस्कल डेफिसिट को GDP के 6% पर लेकर आएंगे.
ये, छोटी बचत योजनाओं में तेजी से बढ़ते निवेश के साथ, इस बात को बताता है कि सरकार की बाजार उधारी वित्त वर्ष 2024 के लिए बजटीय राशि 15.4 लाख करोड़ रुपये और नेट उधारी 11.8 लाख करोड़ रुपये के मुताबिक रहने की संभावना है
ICRA को उम्मीद है कि FY25 के लिए वित्तीय घाटा GDP का 5.3% रह सकता है, FY24 के लिए ये 6.0% और मीडियम टर्म टारगेट FY26 तक 4.5% से कम रहेगा.
नायर ने FY25 के लिए 10.2 लाख करोड़ रुपये के कैपेक्स लक्ष्य का अनुमान लगाया है, जो कि FY24 के अनुमानित लक्ष्य से 10% ज्यादा है. जबकि FY21-FY24 के दौरान औसत ग्रोथ से कम है. उनका कहना है कि ऊंचा कैपेक्स लक्ष्य वित्त वर्ष 2025 में जरूरी फिस्कल कंसोलिडेशन का आधा हिस्सा पूरा करने की सरकार की क्षमता पर नकारात्मक असर डालेगा. FY26 तक मीडियम टर्म फिस्कल डेफिसिट टारगेट लक्ष्य को पाना और चुनौती भरा होगा.
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि FY25 में सरकार की उधारी ऊंची बनी रहेगी. हालांकि, पॉलिसी रेट साइकल में विदेशी और घरेलू संस्थानों से सरकारी बॉन्ड की पर्याप्त मांग के साथ, रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2025 में सरकारी बॉन्ड का नेट सेलर हो सकता है. FY25 में केंद्र सरकार के करीब 18 लाख करोड़ रुपये के फिस्कल डेफिसिट को फंड करने के लिए, नेट उधारी करीब 12 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
बार्कलेज के चीफ इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया कहते हैं कि FY25 के लिए नॉमिनल GDP ग्रोथ FY24 में 9.6% के मुकाबले 11.3% रहेगी. लेकिन रियल GDP ग्रोथ में हल्का धीमापन देखने को मिलेगा और ये 6.5% रहेगी, जबकि अनुमान 6.7% का था.
'इसके साथ ही हमारा अनुमान है कि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में चौतरफा ग्रोथ के चलते टैक्स रेवेन्यू रिसीट यानी टैक्स से होने वाले कमाई FY25 में सालाना आधार पर 15% की रफ्तार से बढ़ेगी'. डायरेक्ट टैक्स रिसीट के प्रदर्शन के मुताबिक, नॉन-टैक्स रिसीट की ग्रोथ ने भी सबको आश्चर्य में डाल दिया है. बजोरिया ने कहा कि ये सिर्फ रिजर्व बैंक के भारी भरकम डिविडेंड की वजह से नहीं है.
बजोरिया ने कहा कि रिजर्व बैंक ने भारत सरकार को 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की थी. बजोरिया ने कहा कि कच्चे तेल में गिरावट के कारण स्थिर रिटेल ईंधन की कीमतों का मतलब है कि तेल कंपनियों का मार्जिन भी बढ़ गया है, जिसकी वजह से सरकारी क्षेत्र की यूनिट्स से सरकार को ज्यादा डिविडेंड मिला है.
गोल्डमैन सैक्स के एक अनुमान के मुताबिक सरकार ने 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त अनाज योजना को अगले 5 साल के लिए आगे बढ़ा दिया है, जो FY25 में GDP पर 0.7% का बोझ डालेगी, जबकि कुकिंग गैस पर मिलने वाली सब्सिडी GDP के 0.1% के नीचे रह सकती है, फर्टिलाइजर सब्सिडी FY25 में प्री-कोविड औसत स्तर 0.5% से थोड़ा ऊपर रह सकती है. क्योंकि नैचुरल गैस की कीमतें दिसंबर 2023 के निचले स्तरों से बढ़ सकती हैं.
गोल्डमैन सैक्स ने वित्त वर्ष 2025 में GDP की हिस्सेदारी के रूप में सब्सिडी में मामूली कमी करके 1.4% करने का अनुमान लगाया है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.6% के अनुमान से कम है.