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NDTV Exclusive: वित्त मंत्री ने बजट को यूथ डेवलपमेंट का पैकेज बताया; कहा- कर्ज भी घटाना है, मगर ग्रोथ पर असर डाले बगैर

वित्तमंत्री ने कहा ये बजट यूथ डेवलपमेंट का पैकेज है. उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों और संस्थाओं के सहयोग से सरकारी ITI की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. साथ ही छात्रों के इंटर्नशिप की भी व्यवस्था की गई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:39 PM IST, 26 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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बजट आ चुका है और सभी इसका अपने-अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं. हर कोई वित्त मंत्री से अपने सवालों के जवाब जानना चाहता है. NDTV ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने वित्त मंत्री से खास बातचीत में आम आदमी के सवालों को उठाया. उन्होंने इस इंटरव्यू में युवाओं, आम टैक्स-पेयर से लेकर राज्यों की वित्तीय जरूरतों से जुड़े सभी सवाल पूछे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV को दिए खास इंटरव्यू में साफ किया उनका फोकस देश का कर्ज घटाने पर है, मगर ग्रोथ पर असर डाले बगैर. सरकार ग्रोथ की रफ्तार को तेज रखने के साथ लॉन्ग टर्म में आर्थिक स्थिरता के हिसाब से नीतियां बना रही है.

कर्ज घटाने और वित्तीय घाटे को काबू में रखने पर जोर

वित्तमंत्री ने साफ किया कि वित्तीय घाटा अपने लक्ष्य के अंदर ही रहेगा. उन्होंने वित्तीय मसले पर विवेकपूर्ण फैसले लेने पर बल दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटे को कम करने के लिए मैक्रो इकोनॉमी में स्थिरता बहुत जरूरी है, इससे ही ग्रोथ पर बुरा असर डाले बगैर सरकार कर्ज कम पाएगी.

इनकम टैक्स कमिटी के सुझाव जल्द आएंगे

बजट में टैक्स-पेयर को कोई खास राहत नहीं मिली. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग नए टैक्स रिजीम को अपनाएं, इसलिए नए टैक्स रिजीम में ही कुछ रियायत दी गई है. टैक्स-पेयर पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स रिजीम कमिटी अगले 6 महीने में अपनी रिपोर्ट दे देगी. इससे इनकम टैक्स की व्यवस्था और टैक्स विभाग के कामकाज में सुधार में मदद मिलेगी.

इंडेक्सेशन पर जवाब संसद में दूंगी: FM

रियल एस्टेट में इंडेक्सेशन को खत्म करने को लेकर वित्त मंत्री की कड़ी आलोचना हो रही है. ये ऐसा विषय है जो हर किसी से जुड़ा है, मगर इस पर वित्तमंत्री ने जवाब देने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा अभी संसद चल रही है और ऐसे में इस पर संसद से बाहर कुछ भी बोलना सही नहीं होगा. उन्हें इस विषय पर जो भी कहना है वो संसद में ही कहेंगी.

आसान भाषा में सबका बजट

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के बजट में सबकुछ साफ-साफ लिखा होता है. कुछ भी छिपा हुआ नहीं होता. सरकार की कोशिश होती है कि बजट को बहुत आसान भाषा में सब तक पहुंचाया जाए. इसके लिए सरकार लोगों की राय भी लेती रहती है, ताकी वो अपने कम्युनिकेशन में सुधार कर सके.

युवाओं को नौकरी दिलाने पर फोकस

निर्मला सीतारमण ने ये भी बताया कि इस बार का बजट युवाओं को समर्पित है. उनके लिए कई घोषणाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि “ये बजट यूथ डेवलपमेंट का विस्तृत पैकेज है.”

वित्तमंत्री ने कहा कि छात्रों के लिए देश की टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप की पॉलिसी लाई गई है. इसके साथ ही निजी कंपनियों और संस्थाओं के सहयोग से सरकारी ITI यानी इंटस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. सरकार रोबोटिक्स, वेब 3.0 और AI जैसे उभरते हुए नए और हाई-टेक सेक्टर्स के लिए भी छात्रों को तैयार कर रही है. इससे छात्रों को तो फायदा होगा ही, साथ ही इंडस्ट्री को भी टेलैंट की कमी नहीं होगी.

F&O पर अब आगे का काम SEBI करेगा

फाइनेंशियल रेगुलेशन पर भी वित्तमंत्री ने खुलकर बातचीत की. वायदा कारोबार में रिटेल की भागीदारी पर सभी चिंता जता रहे हैं. SEBI की रिपोर्ट कहती है कि 80 परसेंट से ज्यादा रिटेल निवेशक F&O में पैसे गंवा रहे हैं. वितमंत्री ने इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि SEBI इस सेक्टर को रेलुगेट कर रही है. सरकार का मानना है कि इस बारे में बहुत सख्त रेगुलेशन लाने की जरूरत नहीं है. इस मसले को बहुत ही सावधानी के साथ डील करने की जरूरत है. इसमें कोई भी फैसला लेते वक्त निवेशकों के हितों की रक्षा के साथ मार्केट की कामकाज का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क ऐसा होना चाहिए जिससे वायदा बाजार भी विकसित हो और निवेशकों के हित भी सुरक्षित रहें.

चीनी FDI को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई

चीनी से विदेशी निवेश पर पूछे गए सवाल पर वित्तमंत्री ने साफ कर दिया, इस पर कोई फैसला तो दूर चर्चा भी नहीं हो रही है. हालांकि वित्तमंत्री ने माना कि कुछ कंपनियों ने चीनी कर्मियों के लिए वीजा जरूर मांगा है.

दरअसल इकोनॉमिक सर्वे में चीन का काफी जिक्र था. इसमें कहा गया था कि भारत को या तो चीन की सप्लाई चेन से जुड़ जाना चाहिए या फिर चीन से आने वाले विदेशी को आसान बनाना चाहिए. मगर वित्तमंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे के इस सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया.

सरकारी एसेट मोनेटाइज करेंगे

वितमंत्री के बजट भाषण में विनिवेश का कोई जिक्र नहीं था. इस बारे में उन्होंने कहा कि सरकार अपने एसेट्स को मोनेटाइज करना जारी रखेगी, हालांकि इस पर बजट में कोई बड़ा लक्ष्य नहीं दिया गया है.

न्यूक्लियर पावर भी ग्रीन एनर्जी है

बजट में न्यूक्लियर एनर्जी पर बहुत बड़ा ऐलान हुआ है. वित्तमंत्री ने कहा कि देश में स्मॉल एंड मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर्स का विकास किए जाएंगे. इसके लिए सरकार निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करेगी. इसकी मदद से न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में नई टेक्नोलॉजी पर काम होगा.उन्होंने कहा कि इससे देश में ग्रीन एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

राज्यों के साथ भेदभाव पर FM का जवाब

बिहार और आंध्रप्रदेश को ज्यादा पैसे देने के लिए बजट की कड़ी आलोचना हो रही है, मगर वित्त मंत्री ने इससे साफ इनकार किया. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के हितों की अवहेलना नहीं हुई है और न ही किसी राज्य की जरूरत को नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में किसी राज्य को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा.

दक्षिण भारत के राज्यों चिंताओं पर वित्तमंत्री ने कहा कि फाइनेंस कमीशन के जरिए उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा. राज्यों को अपनी उपलब्धियों और विकास के लिए फंड की जरूरत को फाइनेंस कमीशन को बतानी चाहिए. फाइनेंस कमीशन में उनके हितों का ख्याल रखा जाएगा.

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