NPS-Vatsalya Scheme Explained: बुढ़ापे के लिए पेंशन का इंतजाम करने में आपने भले ही देर की होगी, लेकिन बच्चों के लिए अभी से पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है. केंद्रीय बजट में (Budget 2024) वित्त मंत्री ने पेंशन से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए बच्चों के लिए NPS-Vatsalya स्कीम का ऐलान किया है.
NPS-वात्सल्य स्कीम को बच्चों के बड़े होने पर उनकी फाइनेंशियल सिक्योरिटी एन्श्योर करने के लिए बनाया गया है. इसके तहत बच्चों और 18 साल से कम उम्र के किशोरों का NPS अकाउंट खोला जा सकेगा.
NPS कैलकुलेशन के मुताबिक, 10,000 रुपये की SIP पर अलग-अलग पेंशन फंड में निवेश के जरिये महज 15 साल में 56 लाख से 63 लाख रुपये तक का फंड तैयार कर सकते हैं. इनमें LIC पेंशन फंड के साथ-साथ SBI , HDFC, UTI, ICICI प्रूडेंशियल जैसे पेंशन फंड शामिल हैं.
वित्त मंत्री का ये ऐलान, उन पैरेंट्स और अभिभावकों के लिए गुड न्यूज है, जो अभी से ही आर्थिक मोर्चे पर बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं.
स्कीम के तहत नाबालिगों के माता-पिता या अभिभावक NPS-वात्सल्य खाते में योगदान कर सकेंगे और जब बच्चा 18 साल का यानी बालिग हो जाएगा, तब इस वात्सल्य अकाउंट को एक सामान्य NPS अकाउंट में बदला जा सकेगा.
वात्सल्य अकाउंट एक रेगुलर NPS अकाउंट में बदल जाएगी, जो रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करती है. वहीं, ज्यादा रिटर्न के लिए NPS कॉन्ट्रीब्यूशन को मार्केट में स्टॉक और बॉन्ड में भी इन्वेस्ट किया जाता है.
सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर के कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत की गई थी. शुरुआत में साल 2004 में केवल सरकारी कर्मियों के लिए स्कीम शुरू की गई थी, हालांकि 5 साल बाद इसे सभी कैटगरी के लोगों के लिए लागू कर दिया गया है.
सामान्य NPS अकाउंट में 18 वर्ष की उम्र से 65 वर्ष की उम्र तक या नौकरी से रिटायरमेंट होने तक निवेश किया जा सकता है. हालांकि इसे 70 वर्ष तक भी जारी रखा जा सकता है.
NPS में दो तरह के खाते खुलते हैं. टियर-I यानी रिटायरमेंट अकाउंट और टियर-II वॉलेंटरी अकाउंट. इसमें कोई भी सैलरीड कर्मी अपनी तरफ से निवेश कर सकता है.
इस स्कीम के तहत मैच्योरिटी पर कर्मचारी को कुल फंड में से अधिकतम 60% फंड एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि कम से कम 40% से एन्युटी प्लान लेना होता है, जो रेगुलर इनकम यानी पेंशन का जरिया बनता है.
वित्त मंत्री ने NPS में एक और बदलाव की घोषणा की है. इंप्लॉयर के योगदान को कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10% से बढ़ा कर 14% कर दिया गया है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत आने वाले सरकारी और प्राइवेट, दोनों सेक्टर के कर्मियों को मिलेगा. हालांकि केंद्रीय कर्मियों के मामले में केंद्र सरकार NPS में पहले से ही 14% योगदान करती है. अब ये प्राइवेट कर्मियों के लिए भी लागू कर दिया गया है.