वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण NDTV के साथ EXCLUSIVE INTERVIEW में कहा कि सरकारी कंपनियों के अंदर प्रोफेशनलिज्म का अभाव है. ये समस्या नई नहीं है, बल्कि दशकों से चली आ रही है. उन्होंने इस गैर-पेशेवराना रवैये को LIC के IPO के वक्त महसूस किया और उसे ठीक करने में काफी वक्त भी लगा.
'LIC के IPO के वक्त मुझे इस प्रोफेशनलिज्म के अंतर को पाटने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. सरकारी कंपनियां 1991 से अपने अंदर प्रोफेशनलिज्म लाने की कोशिश कर रही हैं. मगर ये अब भी बाजार की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है.'निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
वित्तमंत्री ने ये भी कहा कि वो सभी सरकारी कंपनियों प्रोफेशनलिज्म लाने की कोशिश कर रही हैं, मगर ये अब भी बाजार के हिसाब से काम नहीं करती हैं. प्रोफेशनलिज्म के अभाव में इन्हें कंपटीशन का सामना करने में दिक्कत होती है.
आपको बता दें कि LIC का IPO मई 2022 में लिस्ट हुआ था. सरकार ने कंपनी के 3.5% यानी 22 करोड़ से ज्यादा शेयर बाजार में बेचे थे. सरकार के पास अब भी कंपनी की 96.5% हिस्सेदारी है. लिस्टिंग के बाद ये करीब डेढ़ साल तक इश्यू प्राइस से नीचे ही रहा. हालांकि इस बुल रन में LIC को भी फायदा मिला है. नवंबर से इसमें अच्छी तेजी बनी हुई है. शुक्रवार को ये ₹944.65 के भाव पर बंद हुआ है.