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Budget 2025: फिनिश्ड गुड्स पर कस्‍टम ड्यूटी बढ़ा सकती है सरकार, रेट स्‍लैब भी घटाने की तैयारी!

खास तौर से इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स, मेडिकल डिवाइसेज और अन्य आइटम्स इसके दायरे में आ सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:15 AM IST, 30 Jan 2025NDTV Profit हिंदी
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'भारत से कच्‍चा माल निर्यात किया जाए और फिनिश्ड गुड्स यानी कि तैयार उत्‍पाद यहां भेजे जाएं, ये हमें स्‍वीकार नहीं है.' ये कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी का. पिछले दिनों ओडिशा के भुवनेश्‍वर में 'उत्‍कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा' कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने पहुंचे PM मोदी ने अपने भाषण में ये स्पष्ट किया था कि वो इस इकोसिस्टम को बदलने जा रहे हैं.

PM मोदी के इसी विजन को वित्त मंत्रालय की तैयारी से जोड़ते हुए अब कहा जा रहा है कि सरकार इस बजट (Budget 2025) में इंपोर्टेड फिनिश्ड गुड्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है. खास तौर से इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स, मेडिकल डिवाइसेज और अन्य आइटम्स इसके दायरे में आ सकते हैं.

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मिले बढ़ावा

फिलहाल वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर 10% की बेसिक कस्टम ड्यूटी तय है, जिसे बढ़ाया जा सकता है. वियतनाम से ब्लडप्रेशर मशीन, ऑक्सीमीटर जैसे आइटम्‍स आयात किए जाते हैं, जिनपर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है.

जिस तरह से केंद्र ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस यानी व्‍यापार सुगमता को सुविधाजनक बनाया है, सरकार चाहती है कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाए. केंद्र के महत्‍वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम का भी यही उद्देश्‍य रहा है.

कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर की समीक्षा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर की समीक्षा की जा रही है. NDTV Profit ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि फिलहाल 12 से 13 रेट स्लैब हैं, इसे घटाकर अधिकतम 5 स्लैब किया जा सकता है.

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि देश से कच्चा माल निर्यात किया जाए और तैयार उत्पाद देश में भेजे जाएं, उन्हें ये स्वीकार नहीं. उन्होंने कहा था कि सिर्फ कच्चे माल के निर्यात से देश का विकास संभव नहीं है. इसलिए सरकार पूरे इकोसिस्टम को बदलने जा रही है.

प्रधानमंत्री का कहना था, 'यहां से खनिज निकाले जाते हैं और किसी दूसरे देश को निर्यात किए जाते हैं, जहां वैल्यू एडिशन किया जाता है और नए उत्पाद बनाए जाते हैं. इन तैयार उत्पादों को फिर भारत वापस भेजा जाता है. ये चलन मोदी को स्वीकार्य नहीं है.' उन्होंने जोर देकर कहा कि वैल्यू एडिशन भी यहीं होना चाहिए.

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