पूरी दुनिया में AI की मानों रेस लगी है, क्योंकि अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लोगों की जिंदगी की हकीकत बनता जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी और AI दुनिया में भारत के युवाओं को सक्षम करना उनको तैयार रखना, इस दिशा में हम काम करेंगे, ये एक बड़ा काम है.
1 फरवरी को पेश हुए बजट में सरकार ने डीप टेक और टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए कई ऐलान किए हैं. बजट में सरकार ने डीपटेक को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स सेटअप करने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार अगले 5 साल में IIT और IISc में टेक्नोलॉजी पर रिसर्च के लिए 10 हजार फेलोशिप देगी.
सरकार 20 हजार करोड़ रुपये प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए देगी. डीप डेट में AI, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और तमाम दूसरे टॉपिक आते हैं. सरकार ने बजट में सेंटर ऑफ एक्सेलेंस इन AI फॉर एजुकेशन स्कीम का ऐलान किया है, जिसे 500 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है. इस स्कीम में AI को एजुकेशन में इंटीग्रेट करना शामिल है.
वित्त मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान बताया 'बेशक AI से नौकरियों का आकार बदलेगा और ट्रेनिंग में समय लगता है. यही कारण है कि हमने जुलाई में पीएम इंटर्नशिप योजना शुरू की, जिसमें टॉप 500 कंपनियों में ऐसे लोगों की इंटर्नशिप होती है और वो भी सरकार के खर्चे पर. इस बजट में ऐलान किया गया कि AI की ट्रेनिंग के लिए सेंटर्स बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यहां ट्रेनिंग भी विदेश से आए हुए AI में स्पेशलिस्ट लोगों से करवाई जाएगी. यह फोकस का एक प्रमुख क्षेत्र है, जो भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.
अभी कुछ दिन पहले ही कैबिनेट में भी AI को लेकर मिशन लॉन्च करने का ऐलान किया गया है. AI के लिए भारत ऐसे समय पर पूरा जोर लगा रहा है जब पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी की रेस में शामिल हो चुकी है, जिसमें चीन की डीपसीक ने ChatGPT, मेटा AI की नींद उड़ा रखी है.