देश के 32 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की कुल आय वित्त वर्ष 2016-17 में 321.03 करोड़ रुपये रही और इनमें समाजवादी पार्टी (सपा) 82.76 करोड़ रुपये के साथ सबसे ऊपर रही. यह जानकारी एक गैर सरकारी संगठन की ताजा विश्लेषण रपट में दी गयी है. सपा के बाद तेदेपा और अन्नाद्रमुक का नंबर है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी.
कुल 48 क्षेत्रीय दलों में से 16 दलों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. एडीआर की एक रपट के अनुसार आलोच्य वर्ष में इन क्षेत्रीय दलों ने 435.48 करोड़ रुपये खर्च किए. वर्ष के दौरान इनमें से 17 दलों ने दिखाया कि इस दौरान उनकी ‘व्यय नहीं हुई’ आय 114.45 करोड़ रुपये रही.
सपा ने 2016-17 में सबसे अधिक आय (82.76 करोड़) दर्ज की , जो क्षेत्रीय पार्टियों की आय का 25.78 प्रतिशत है. उसके बाद तेलुगु देशम पार्टी यानी तेदेपा (72.92 करोड़ रुपये) और अन्नाद्रमुक (48.88 करोड़ रुपये) का स्थान है. तीनों क्षेत्रीय पार्टियों की कुल आय (204.56 करोड़) 32 क्षेत्रीय दलों की कुल आय का 63.72 प्रतिशत रही.
जिन 16 क्षेत्रीय दलों की 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है उनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) , जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे प्रमुख दल शामिल हैं.
विश्लेषण में शामिल किए गए 32 क्षेत्रीय दलों में से 14 ने अपनी आय में वर्ष के दौरान 2015-16 की तुलना में गिरावट दर्शायी है जबकि 13 दलों ने आय में वृद्धि दिखायी है. पांच क्षेत्रीय दलों ने चुनाव आयोग में आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा नहीं किया है. आईटीआर जमा करने वाले 27 क्षेत्रीय दलों की आय 2015-16 में 291.14 करोड़ रुपये से बढ़कर 2016-17 में 316.05 करोड़ रुपये हो गयी है.
कुल 17 दलों ने कहा कि 2016-17 के दौरान उनकी आय का एक हिस्सा अभी बचा है जबकि 15 दलों ने अपनी आय से अधिक खर्च किया है. रिपोर्ट के मुताबिक , ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और जनता दल (सेक्युलर) ने विवरण में कहा कि उनकी कुल आय का 87 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खर्च नहीं हो सका है जबकि टीडीपी ने आय का 67 प्रतिशत हिस्सा खर्च नहीं किया था.
वहीं , द्रमुक ने अपनी घोषित आय से 81.88 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए जबकि सपा और अन्नाद्रमुक ने आय से क्रमश: 64.34 करोड़ रुपये और 37.89 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए. सपा का कुल खर्च इन 32 दलों के कुल खर्च (435.48 करोड़ रुपए) का 33.78 प्रतिशत रहा.
यह रिपोर्ट 32 क्षेत्रीय दलों की आय और व्यय के विश्लेषण पर आधारित है , इन्होंने 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी. दलों को आलोच्य वर्ष के अपने आय-व्यय का विवरण 31 अक्तूबर 2017 तक आयोग को देना था.
48 में से 12 क्षेत्रीय दलों ने समय पर विवरण प्रस्तुत किया . 20 दल विवरण देने में 13 दिन से 5 माह तक पीछे थे. इन दलों की आय में मुख्य योगदान अनुदान, चंदे, सकल प्राप्तियां और ब्याज आय आदि का था. इनका मुख्य खर्च चुनाव लड़ने , सामान्य प्रशासान और सामान्य मदों से जुड़ा था.