एक दम्पती पर देशभर में दो लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी कर 493 करोड़ रुपये बटोरने का आरोप लगा है। इसे देश की सबसे बड़ी संगठित धोखाधड़ी माना जा रहा है। आरोपी दम्पती को महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी सोमवार को दी।
पुलिस ने बताया कि उल्हास खरे (33) और उसकी पत्नी रक्षा जे. अर्स (30) को पिछले सप्ताह रत्नागिरि में गिरफ्तार किया गया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) संदीप गोयल ने बताया, "इस दम्पती ने फर्जी नाम लोकेश्वर देव और प्रियंका देव रखा था। पश्चिमी दिल्ली के रामा रोड पर 'स्टॉक गुरु इंडिया' नामक कम्पनी चलाने वाले इस दम्पती ने लोगों को भारी मुनाफा और वचन-पत्र देने का झांसा देकर निवेश के लिए फंसाया। लोगों को ठगने में कुछ अन्य ने भी इस दम्पती का साथ दिया।"
इन मामलों की जांच में खुलासा हुआ है कि इस फर्जी कम्पनी में लगभग 2,05,062 निवेशकों ने पैसे लगाए। इनमें से कई ने अकेले 10,000 रुपये लगाए तो कुछ लोगों ने सामूहिक रूप से निवेश किया। इस तरह 'स्टॉक गुरु इंडिया' कम्पनी में कुल 493 करोड़ रुपये निवेश किए गए।
गोयल ने कहा कि यह दम्पती ठगी, फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के कई अन्य मामलों में भी संलिप्त रहा है। इस दम्पति के खिलाफ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, सिक्कम और महाराष्ट्र में मामले दर्ज हैं।
हरियाणा के दो लोगों की शिकायत पर 'स्टॉक गुरु' से जुड़े दो मामले जून 2011 में दर्ज किए गए थे।
अधिकारी ने कहा, "आरोपी दम्पती ने निवेशकों को मूल धन पर छह महीने तक प्रति माह 20 फीसदी प्रतिलाभ देने और सातवें महीने मूल धन वापस करने का झांसा दिया था।" उन्होंने बताया कि निवेशकों से किया वादा पूरा करने के बजाय आरोपी सारी रकम बटोरकर अचानक अपना दफ्तर बंद कर चंपत हो गए।
गोयल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में अब तक इस मामले से जुड़ी कम से कम 14,303 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
निवेशकों ने खुलासा किया है कि इस कम्पनी ने दिल्ली और दिल्ली से बाहर 20 विभिन्न बैंकों की शाखाओं में कुल 94 खाते खुलवा रखे हैं। इन खातों का संचालन आरोपी दम्पती कम से कम 13 विभिन्न नामों से करता था।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी दम्पती के नाम से दिल्ली के द्वारका में आठ फ्लैट, भिवाड़ी, अलवर और मुरादाबाद में एक-एक फ्लैट तथा गोवा में एक कोठी है।
खरे महाराष्ट्र के नागपुर का निवासी है। उसने 11वीं तक पढ़ाई की है। उसने भवन निर्माण की ठेकेदारी से अपने धंधे की शुरुआत की थी। नागपुर में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज होने के बाद 2004 में उसने नागपुर छोड़ दिया।
2005 में वह बेंगलुरु गया, जहां उसने मैसूर की लड़की रक्षा अर्स से विवाह रचाया और दोनों ने साथ मिलकर एक फाइनेंस कम्पनी शुरू की।
अधिकारी ने बताया, "वे अभी पुलिस रिमांड पर हैं। अन्य सह-आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले में अभी कुछ और तथ्यों का पता लगाकर बरामदगी की जानी है।"