कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कर्ज में फंसी किंगफिशर एयरलाइंस के बही-खातों की जांच के आदेश दिए हैं। कंपनी से जुड़े पक्षों के ऋण-इक्विटी अनुपात के मामले में नियमों के कथित उल्लंघन की शिकायत के बाद मंत्रालय ने यह आदेश दिया है।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी पंजीयक (बेंगलूर) से कंपनी कानून की धारा 234 के तहत किंगफिशर एयरलाइंस के बही-खातों की जांच करने को कहा है।
कंपनी पंजीयक ने किंगफिशर से ऋण-इक्विटी अनुपात, 2009-10 तथा 2010-11 के सुरक्षित तथा असुरक्षित ऋण, दैनिक परिचालन खर्च तथा प्रशासनिक लागत समेत अन्य चीजों की जानकारी मांगी है। बही-खातों की जांच के आदेश पिछले सप्ताह जारी किए गए थे।
सूत्रों के अनुसार कंपनी पंजीयक से यह भी पता लगाने को कहा गया है कि क्या किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने बही-खाते में लेखा नियमों का उल्लंघन किया है? इस बारे में संपर्क किये जाने पर किंगफिशर के प्रवक्ता ने कहा कि यह ‘तकनीकी मुद्दा’ है और वह कंपनी सचिव से इस बारे में सलाह लेने के बाद ही कोई जवाब देंगे।
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी को 650.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह घाटा 263.5 करोड़ रुपये था।