ADVERTISEMENT

अदाणी शेयरों की ब्लॉक डील ने भारतीय इक्विटी बाजार में एफपीआई निवेश को मार्च में सकारात्मक मोड़ दिया

लगातार दो माह तक निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने से एफपीआई का निवेश मार्च में सकारात्मक रहा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी10:41 AM IST, 03 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

लगातार दो माह तक निकासी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में भारतीय शेयर बाजार में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने से एफपीआई का निवेश मार्च में सकारात्मक रहा है. जीएलसी वेल्थ एडवाइजर एलएलपी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संचित गर्ग ने कहा कि यदि अदाणी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो मार्च में एफपीआई का शुद्ध निवेश नकारात्मक हो जाएगा. इसका आशय है कि मार्च में भी एफपीआई बिकवाल ही रहे हैं.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का सतत बिकवाली का सिलसिला समाप्त होता दिख रहा है. पिछले कुछ सत्रों से वे लिवाल बन गए हैं.''

विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई के लिए निकट भविष्य का दृष्टिकोण अब और अधिक सकारात्मक दिखता है. भले ही भारतीय मूल्यांकन अपेक्षाकृत अधिक बना हुआ है, लेकिन हाल के समय में बाजार में जो ‘करेक्शन' हुआ है उससे अब मूल्यांकन कुछ ठीक हो गया है.''

उन्होंने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी की वजह से चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति सुधरी है. ऐसे में एफपीआई आगे संभवत: आक्रामक तरीके से बिकवाली नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा 4.4 प्रतिशत था. तीसरी तिमाही में चालू खाते का अधिशेष रहा है. इसलिए आगे चलकर भारतीय रुपये के स्थिर रहने की संभावना है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने मार्च में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,396 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की थी. दिसंबर, 2022 में भी एफपीआई ने शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 2,505 करोड़ रुपये निकाले हैं. जनवरी में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 3,531 करोड़ रुपये और फरवरी में 2,436 करोड़ रुपये डाले थे.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT