गर्मियों का ये सीजन मैंगो लवर्स के लिए कुछ निराशाजनक रह सकता है. गर्मियों में आम की कम पैदावार और बढ़ती कीमतों का असर आम पर पड़ रहा है.
NDTV Profit को मिलने वाले डेटा के मुताबिक, मई 2024 में आने वाले आम की संख्या बीते साल के मुकाबले एक तिहाई है.
बेंगलुरु के नजदीक आम के किसान मोहम्मद अकील अहमद के मुताबिक, बीते साल अनियमित बारिश के चलते कर्नाटक में आम की फसल सामान्य से 20-30% तक घटी. आमतौर पर, आम के 100 पेड़ों से 10,000 किलोग्राम (10 टन) तक आम की पैदावार होती थी, जिसमें केवल 80 आम ही पैदावार में योगदान दे रहे थे. इस साल बमुश्किल 2 टन आम का ही प्रोडक्शन हुआ है.
बीते साल दक्षिण भारत में कम बारिश और बेमौसम बारिश से आम की पैदावार अप्रैल में गायब रही. इसके साथ आम के साइज पर भी असर पड़ा. छोटे आम से कुल पैदावार का वजन भी घटा, जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ा.
अहमद के मुताबिक, कर्नाटक जैसी स्थिति केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में भी है. हालांकि, महाराष्ट्र और गुजरात में होने वाली पैदावार आम की कुल पैदावार की 40-50% रही है, जो कि पहले से बेहतर है.
इसके साथ ही, देश के दूसरे इलाकों में, जैसे लखनऊ से 38 किलोमीटर दूर रहीमाबाद में, आम की पैदावार कम रही. आम किसान तारिक फैयाज के मुताबिक, बीते साल आम पैदा करने के लिए ज्यादा बेहतर परिस्थितियां थीं.
फैयाज के मुताबिक, आम के घटते प्रोडक्शन से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. आम की बोली में, खरीदार बोली लगाने से पहले फसल देखते हैं. बीते साल के मुकाबले इस साल दशहरी आम 300-350 रुपये/ किलोग्राम तक मिल रहा है. वहीं, बीते साल इसकी कीमत 175 रुपये/ किलोग्राम तक रही थी.
आम की महंगाई अप्रैल 2024 में 25.45% तक हो गई. जबकि रिटेल महंगाई (CPI) 4.8% पर थी. इन बढ़ती कीमतों के बावजूद, पैदावार घटने से किसानों को नुकसान हो रहा है.