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हीटवेव की चिंताओं के बीच किसानों को खुशखबरी, इस साल आम की पैदावार में होगी 14% की बढ़त

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि आमतौर पर 2 से 4 दिन चलने वाली हीटवेव इस साल 10 से 20 तक रह सकती है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:02 PM IST, 04 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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आम की पैदावार में इस साल 14% का उछाल आ सकता है. ICAR- सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल होर्टीकल्चर के डायरेक्टर टी दामोदरन (T Damodaran) ने बुधवार को कहा कि इस साल 2.4 करोड़ टन आम की पैदावार रह सकती है. दामोदरन ने कहा कि आम की यील्ड में अप्रैल से मई तक चलने वाली हीट वेव का खास असर नहीं पड़ेगा.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में जानकारी दी कि अप्रैल से मई के लिए हीट वेव आ सकती है.

दामोदरन ने कहा कि किसान मई के दौरान सिंचाई का ध्यान रखते हैं ताकि अत्यधिक फल गिरने से बचाया जा सके.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि आमतौर पर 2 से 4 दिन चलने वाली हीटवेव इस साल 10 से 20 तक रह सकती है.

ये हीटवेव दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर पश्चिम भारत में रह सकती है.

दामोदरन ने कहा, 'फल लगने की प्रक्रिया में सबसे जरूरी हिस्सा आम के खिलने की होती है. खुशनुमा मौसम के चलते आम का खिलना लगभग पूरा हो गया है. पेड़ों में आम लगना शुरू हो गया है. सामान्य हीटवेव से यील्ड पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन फसल पर ये असर दिख सकता है'.

उन्होंने कहा, 'आम की फसल अभी तो ठीक नजर आ रही है. बीते साल 2022-23 में 2.1 करोड़ टन के मुकाबले इस साल 2023-24 में 2.4 करोड़ टन आम की पैदावार रह सकती है'.

दामोदरन के मुताबिक, 'आम भारत के लिए सबसे जरूरी फसलों में एक है और इसे फलों का राजा भी बुलाते हैं. दुनिया भर में आम की पैदावार में 42% हिस्सेदारी भारत की ओर से की जाती है'.

उन्होंने कहा, आम के लगने और खिलने में मौसम एक बड़ी भूमिका निभाता है. हालांकि, सामान्य हीटवेव के दौरान किसानों को मिट्टी में हल्की नमी बरकरार रखने के लिए हल्की सिंचाई करने की जरूरत है.

उन्होंने किसानों को आक्रामक कीटों के हमले, खासकर उत्तरी मैदानी इलाकों के आम उगाने वाले क्षेत्रों में थ्रिप्स कीटों के हमले के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी.

खाने की खोज में थ्रिप्स कीट फूलों से निकलकर नए ताजे फलों पर चले जाते हैं. फसलों की सुरक्षा के लिए, किसान हर 1 लीटर पानी में 4 मिलीलीटर इमिडेक्लोप्रिड के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं. इसके अलावा किसान हर 1 लीटर पानी में 0.4 ग्राम थियामेथाक्सेम के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं.

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