रिलायंस जियो के इस दौर में जब अन्य टेलिकॉम कंपनियां विभिन्न मोर्चों पर उपयोक्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए आकर्षक ऑफर ला रही हैं तब यह ट्राई की यह रिपोर्ट इन कंपनियों से जुड़ा एक अन्य पहलू उजागर करती है. एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया की मोबाइल सेवाओं के मामले में उपभोक्ताओं की ओर से अक्टूबर-दिसंबर, 2016 के दौरान बिलिंग को लेकर सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं.
सबसे अधिक उल्लंघन वोडाफोन के मामले में पाए गए. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कंपनी के क्रमश: 0.15 प्रतिशत तथा 0.13 प्रतिशत बिलों को लेकर शिकायत की गईं. समीक्षाधीन तिमाही में वोडाफोन एकमात्र ऑपरेटर रही जिसके मुंबई सर्किल के पोस्टपेड ग्राहकों ने गुणवत्ता से संबंधित कई मुद्दे उठाए.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. भारती एयरटेल के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें तमिलनाडु, कोलकाता, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के 2जी प्रीपेड ग्राहकों की ओर से आई हैं. इन क्षेत्रों में बेंचमार्क का उल्लंघन 0.11 से 0.12 प्रतिशत के बीच पाया गया है. सेवाओं की गुणवत्ता मानकों के अनसार एक तिमाही में प्रति 100 बिलों पर शिकायत का स्तर 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.
आइडिया के खिलाफ पूर्वोत्तर सर्किल में 0.13 प्रतिशत बिलों से संबंधित शिकायतें आईं. गुणवत्ता मानदंडों के अनुसार ट्राई ने ज्यादातर दूरसंचार सर्किलों में कॉल ड्रॉप के मामले में एयरसेल का प्रदर्शन स्तर से नीचे पाया. ट्राई ने कॉल ड्रॉप सहित खराब मोबाइल सेवाओं के लिए दो लाख रपये जुर्माने का प्रावधान किया हुआ है. एक दूरसंचार सर्किल में दो प्रतिशत से अधिक कॉल ड्रॉप की स्थिति में यह जुर्माना लगता है.
रिपोर्ट के अनुसार चार सर्किलों में एयरसेल के 2जी नेटवर्क ने इस सीमा को पार किया. पूर्वोत्तर सर्किल में एयरसेल की कॉल ड्रॉप की दर 27.73 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी. एयरटेल, सिस्तेमा श्याम तथा रिलायंस कम्युनिकेशंस ने भी एक-एक सर्किल में कॉल ड्रॉप के स्तर को लांघा.
(न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट पर आधारित)