भारत में टेस्ला का पहला शोरूम मुंबई में खुलने जा रहा है. एलन मस्क की इलेक्ट्रक गाड़ियां बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने शोरूम खोलने के लिए एक लीज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म CRE मैट्रिक्स से मिले रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में मेकर मैक्सिटी (Maker Maxity) बिल्डिंग में 4,003 sqft की जगह लीज पर ली है.
इसकी लाइसेंसी टेस्ला इंडिया मोटर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड है, जिसका ऑफिस पुणे के विमान नगर में पंचशील बिजनेस पार्क में है. लाइसेंसकर्ता यूनिवको प्रॉपर्टीज है. रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है कि टेस्ला इंडिया ने इस जगह के लिए 2.11 करोड़ रुपये का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा किया है और 35.26 लाख रुपये मासिक किराया देगी. किराया 5% प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगा, ये रेंटल एग्रीमेंट पांच साल के लिए किया गया है. NDTV प्रॉफिट ने लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट की कॉपी देखी है.
13 फरवरी को प्रधानमंत्री और टेस्ला के मालिक एलन मस्क के बीच एक मुलाकात हुई थी, तभी से ये कहा जा रहा था कि टेस्ला जल्द ही भारतीय कार बाजार में अपने कदम रखत सकती है. अब ये बात कन्फर्म हो चुकी है कि टेस्ला ऑफिशियली भारत आ रही है. पिछले दिनों टेस्ला ने भारत में 20 जॉब ओपनिंग्स भी लिस्ट की हैं.
मुंबई में 15 और पुणे में पांच जॉब्स ओपनिंग्स हैं. 19 फरवरी को, NDTV प्रॉफिट ने बताया कि टेस्ला 2025 की दूसरी छमाही में मॉडल Y के साथ भारत में प्रवेश कर सकती है. लॉन्च होने पर टेस्ला मॉडल Y की कीमत कम से कम 60-70 लाख रुपये होगी. ये इसे मर्सिडीज-बेंज, BMW और ऑडी की एंट्री-लेवल EV कारों के मुकाबले खड़ा करेगी.
हालांकि टेस्ला की योजना भारत में अपने शोरूम से इंपोर्टेड कारों को बेचने की है, लेकिन 100% से ज्यादा टैरिफ अब भी कंपनी पर भारी पड़ रहा है, मस्क बार-बार शिकायत कर रहे हैं कि ये दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ में से एक है. ट्रंप भी भारत पर दबाव बनाते रहे हैं कि वो टैरिफ को कम करे नहीं तो जवाब टैरिफ के लिए तैयार रहे.
रॉयटर्स ने बुधवार को खबर दी कि अमेरिका चाहता है कि भारत दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत कार इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दे, लेकिन भारत तत्काल ऐसा नहीं करना चाहता है, वो इसमें कटौती करने पर विचार कर रहा है.
निश्चित रूप से, टेस्ला का भारत में आना उसके लिए फायदे की बात होगी, क्योंकि टेस्ला कई दशकों से सबसे खराब बिक्री का सामना कर रहा है. अमेरिका से जर्मनी और चीन तक मासिक शिपमेंट में गिरावट आई है, ऐसे देश जहां टेस्ला कम से कम एक फैक्ट्री संचालित करता है. टेस्ला भारत में तुरंत कोई फैक्ट्री स्थापित नहीं करेगा. इसकी कारें शुरू में पूरी तरह से इंपोर्टेड होंगी.